माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है। यह पर्व माघ मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से लोगों के सभी पाप धुल जाते हैं और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस दिन देवता भी गंगा में स्नान करने के लिए धरती पर आते हैं। इस दिन पूजा करने से घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है और दान करने से धन में वृद्धि होती है।
पंचांग के अनुसार, माघ महीने की पूर्णिमा तिथि की शुरुआत मंगलवार, 11 फरवरी 2025 को शाम 6 बजकर 55 मिनट पर होगी। वहीं ये तिथि बुधवार 12 फरवरी को शाम 7 बजकर 22 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस बार माघ पूर्णिमा का व्रत 12 फरवरी को किया जाएगा।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के उपाय
माघ पूर्णिमा के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और तांबे के लोटे में जल भरकर सूर्य देव को अर्घ्य दें।
यदि संभव हो तो गंगा नदी में स्नान करें। यदि गंगा नदी नहीं जा सकते तो घर पर ही पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें।
माघ पूर्णिमा के दिन दान करना बहुत शुभ माना जाता है।
आप गरीबों को भोजन, कपड़े या धन दान कर सकते हैं।
पीपल के पेड़ में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं और रात में चंद्रमा को अर्घ्य दें।
माता लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें और माता लक्ष्मी की पूजा करें, साथ ही उन्हें मिठाई का भोग भी लगाएं।
तुलसी के पौधे में जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं और अपनी कामना पूर्ति के लिए प्रार्थना करें।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) के दिन क्या न करें
झूठ बोलना: माघ पूर्णिमा के दिन झूठ बोलने से बचें।
किसी से झगड़ा न करें: इस दिन किसी से झगड़ा या विवाद न करें।
नकारात्मक विचार: नकारात्मक विचारों को मन में न लाएं।
माघ पूर्णिमा (Magh Purnima) का महत्व
माघ पूर्णिमा का हिंदू धर्म में बहुत महत्व है। इस दिन स्नान, दान और पूजा करने से व्यक्ति को कई गुना पुण्य मिलता है। माघ पूर्णिमा के दिन किए गए उपाय जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं। माघ पूर्णिमा के दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और घर में सुख-शांति का वातावरण बनता है। माघ पूर्णिमा के दिन पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष दूर होता है और इस दिन किए गए शुभ कार्य सफल होते हैं।