हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) व्रत रखा जाता है। निर्जला एकादशी व्रत सभी एकादशियों में महत्वपूर्ण माना जाता है। इस वर्ष निर्जला एकादशी 31 मई को मनाई जा रही है और हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व माना गया है। एकादशी व्रत श्री विष्णु को समर्पित है और निर्जला एकादशी के दिन भी उनका विधि-विधान से पूजन किया जाता है। इस व्रत में पारण से पहले जल भी ग्रहण नहीं किया जाता। निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन यदि कुछ उपाय अपनाए जाएं तो व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर में सुख समृद्धि आती है। आइए जानते हैं निर्जला एकादशी के दिन अपनाए जाने वाले उपायों के बारे में।
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) में करें ये उपाय
>> यदि आपकी कुंडली में पितृ दोष है तो उससे मुक्ति पाने के लिए एकादशी के दिन पानी का दान करें, संभव हो तो रास्ते में प्याऊ लगावाएं।
>> निर्जला एकादशी के दिन पानी, शरबत, पीले वस्त्र, फल और चप्पल का दान करना चाहिए।
>> निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन तुलसी के पौधे में घी का दीपक जलाएं और 11 बार तुलसी की परिक्रमा करने से घर में सुख समृद्धि आती है।
>> निर्जला एकादशी के दिन यदि व्रत कर रहे हैं तो पूरे विधि-विधान के साथ भगवान विष्णु का पूजन करें। पूजा करते समय ‘ॐ नमो वासुदेवाय’ मंत्र का जाप अवश्य करें।
>> निर्जला एकादशी के दिन भोग के लिए पंजीरी का प्रसाद बनाते समय इसमें तुलसी के पत्ते अवश्य डालें। इस उपाय से परिवार में आ रही कठिनाइयां दूर होती हैं ।
जल दान करने का मंत्र
निर्जला एकादशी (Nirjala Ekadashi) के दिन व्रती या जो व्रत नहीं भी रखते हैं मिट्टी का घड़ा जिसमें पानी भरा हो उन्हें किसी भी ज़रूरत मंद व्यक्ति को दान करना चाहिए। दान करते समय नीचे दिए गये मंत्र का जाप करें।
देवदेव हृषिकेश संसारार्णवतारक।
उदकुंभप्रदानेन नय मां परमां गतिम्॥