झारखंड के गोड्डा जिले से दिलदहला देने वाली घटना सामने आई है। गोड्डा जेल में पदस्थ डॉक्टर अपने सरकारी आवास में मृत पाए गए। उनकी सड़ी लाश गोड्डा ब्लॉक स्थित सरकारी क्वार्टर से बरामद हुई है। इस घटना का खुलासा तब हुआ जब कमरे से बदबू आने के बाद पड़ोसियों ने पुलिस को सूचना दी थी।
मृत डॉक्टर की पहचान विजय कृष्ण श्रीवास्तव के रूप में हुई है। पड़ोसियों को कई दिनों से विजय कृष्ण श्रीवास्तव के क्वार्टर से बदबू आ रही थी। इसकी सूचना दिए जाने के बाद गोड्डा पुलिस क्वार्टर में पहुंची और खिड़की से झांक कर देखा तो डॉक्टर विजय श्रीवास्तव का शव दिखाई दिया।
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इसके बाद पुलिस दरवाजा तोड़कर क्वार्टर में घुसी। पुलिस ने शव कब्जे में लिया। इस घटना की सूचना जब उनकी पत्नी सुजाता श्रीवास्तव को दी गई तो बिहार के पंजवारा से उन्हें बुलवाया गया और शव को उनकी मौजूदगी में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया। नगर थाना प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि पुलिस मामले की जांच शुरू कर चुकी है।
वहीं, पत्नी सुजाता श्रीवास्तव ने बताया कि डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव को कई माह से वेतन नहीं मिला था। पैसे की तंगी के कारण आए दिन पारिवारिक कलह हो रही थी। मैं बिहार के पंजवारा में नर्स का काम करने लगी थी। आर्थिक हालत इतनी खराब हो गई थी कि बच्चे के लिए दूध के पैसे भी नहीं थे। इन सब वजहों के चलते डॉक्टर तनाव में थे। पत्नी सुजाता के मुताबिक पैसों के तनाव के कारण उनकी मौत हो गई है। बहरहाल, मौत के कारणों की वजह तो पोस्टमार्टम रिपोर्ट और तफ्तीश के बाद ही चल पाएगी।
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इधर, स्वास्थ्य विभाग ने डॉक्टर विजय कृष्ण श्रीवास्तव के पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है। गोड्डा के सिविल सर्जन डॉ एस. पी मिश्रा ने साफ कह दिया की अनुबंध आधारित नौकरियों में मदद की कोई गुंजाइश नहीं होती। हालांकि, वे वेतन नहीं मिलने की बात तो स्वीकारते हैं, लेकिन वो आर्थिक तंगी को मौत की वजह नहीं मानते।