महाकुम्भनगर: महाकुम्भ पर बसंत पंचमी के अमृत स्नान (Amrit Snan) को लेकर पूरे प्रयागराज मंडल के डॉक्टरों (Doctors) को हाई अलर्ट पर रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए महाकुम्भनगर के साथ ही शहर व मंडल के सभी डॉक्टर सजग रहेंगे। 1200 से अधिक मेडिकल फोर्स महाकुम्भनगर में पूरी तरह से तैयार हैं। जो पलक झपकते ही श्रद्धालुओं की सेवा के लिए हाजिर होंगे। इसके अलावा मेले में ही पूरी मेडिकल फोर्स मुस्तैद रहेगी, जो 06 फरवरी के बाद ही यहां से जाएंगे। जरूरत के हिसाब से बैकअप प्लान भी तैयार कर लिया गया है।
स्वरूपरानी और तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय भी अलर्ट मोड पर
महाकुम्भनगर में डॉक्टरों (Doctors) की चार सदस्यीय स्पेशल टीम ने मेले में एक-एक अस्पताल की जांच की। साथ ही मेला क्षेत्र में बने सेक्टर अस्पतालों में दवा के स्टॉक और मशीनें भी चेक की हैं। इसके अलावा स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल और तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय को भी पूरी सजगता बरतने के निर्देश दिए गए हैं।स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में 500 स्टाफ को अलर्ट मोड में रखा गया है। पहले के अधिकतर मरीज यहां से डिस्चार्ज किए जा चुके हैं और डेढ़ सौ बेड रिजर्व रख लिए गए हैं। एसआरएन में 60 रेजिडेंट डॉक्टरों को 24 घंटे अलर्ट मोड में रखा गया है और यहां 30 सीटी स्कैन मशीनें पूरी तरह तैयार हैं, जिससे जरूरत पड़ने पर एमआरआई, अल्ट्रासाउंड समेत सभी जांचें हो सकेंगी।इसी के साथ 200 यूनिट का ब्लड बैंक भी एसआरएन में तैयार कर लिया गया है। यहां श्रद्धालुओं के लिए उपलब्ध इंतजामों को अलार्म सिस्टम से भी जोड़ गया है।
बसंत पंचमी स्नान के लिए मेडिकल फोर्स अलर्ट
महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे ने बताया कि योगी सरकार की आपातकालीन सेवाएं विशेष रूप से एंबुलेंस सेवा में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं। जरूरत पड़ने पर मरीजों को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल या तेज बहादुर सप्रू चिकित्सालय (बेली अस्पताल) में शिफ्ट किया जाएगा।
महाकुम्भ में बसंत पंचमी के स्नान पर शहर, प्रयागराज मंडल और महाकुम्भनगर में चिकित्सा व्यवस्था को पूरी तरह अलर्ट मोड पर रखा गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के स्पष्ट निर्देश हैं कि 5 फरवरी तक कोई भी डॉक्टर या मेडिकल स्टाफ अपने ड्यूटी स्थल से नहीं हटेगा। महाकुम्भ के दौरान श्रद्धालुओं को ध्यान में रखते हुए 1200 से अधिक डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ को तैनात किया गया है।
बैकअप टीम तैयार
आपात स्थिति के लिए अतिरिक्त मेडिकल टीमों को बैकअप के रूप में तैयार रखा गया है। साथ ही 3-4 दिनों तक सभी डॉक्टरों को मेले क्षेत्र में ही तैनात रखा जाएगा।
सेक्टर अस्पतालों में विशेष चिकित्सा व्यवस्था
मेला क्षेत्र के सेक्टर अस्पतालों में दवाइयों और चिकित्सा उपकरणों की नियमित जांच की जा रही है। डॉक्टरों की चार सदस्यीय टीम हर अस्पताल का निरीक्षण कर रही है। इस टीम में चिकित्सा व्यवस्था के नोडल उमाकांत सान्याल, केंद्रीय चिकित्सालय के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ. मनोज कौशिक, सह नोडल चिकित्सा व्यवस्था डॉ. राम सिंह और महाकुम्भ मेला के नोडल चिकित्सा स्थापना डॉक्टर गौरव दुबे शामिल हैं।
सुरक्षा और स्वास्थ्य मुख्यमंत्री योगी की प्राथमिकता
श्रद्धालुओं की सुरक्षा और स्वास्थ्य मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्राथमिकता में है। व्यापक स्वास्थ्य इंतजाम और पर्याप्त मेडिकल फोर्स श्रद्धालुओं की हिफाजत के लिए पूरी तरह तैयार है। इनमें 100 बेड का एक अत्याधुनिक सेंट्रल हॉस्पिटल, 25 बेड के दो सब-सेंट्रल हॉस्पिटल, 20 बेड के आठ सेक्टर हॉस्पिटल और 20 बेड के ही दो संक्रामक रोग हॉस्पिटल भी शामिल हैं। साथ में एक बेड के 10 फर्स्ट एड पोस्ट भी सक्रिय हैं।
बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए पूरी तैयारी
मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज के पीआरओ डॉ. संतोष सिंह के अनुसार, हम पूरी तरह से बसंत पंचमी के अमृत स्नान के लिए तैयार हैं। श्रद्धालुओं को हर संभव चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में 500 से अधिक मेडिकल स्टाफ अलर्ट मोड में रखे गए हैं। इसके अलावा 150 बेड रिजर्व किए गए हैं। अधिकतर मरीजों को डिस्चार्ज कर दिया गया है। इसके अलावा 60 रेजिडेंट डॉक्टर 24 घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। 30 सीटी स्कैन मशीन, एमआरआई, अल्ट्रासाउंड समेत सभी जांच सुविधाएं उपलब्ध हैं। 200 यूनिट का ब्लड बैंक तैयार है, जिसे अलार्म सिस्टम से जोड़ा गया है। वहीं, आपात स्थिति के लिए 50 से अधिक एंबुलेंस तैयार हैं। इसके अलावा एसडीआरएफ, एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें भी चिकित्सा सहायता में सहयोग कर रही हैं।
डॉक्टरों और स्टाफ के लिए विशेष व्यवस्था
स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में डॉक्टरों और मेडिकल स्टाफ के लिए ठहरने और खाने-पीने की व्यवस्था की गई है, ताकि वे तुरंत सेवा के लिए उपलब्ध रह सकें। सभी कर्मचारियों को अस्पताल परिसर में ही रहने का निर्देश दिया गया है।