इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने शुक्रवार को राष्ट्रव्यापी हड़ताल की घोषणा की है। IMA की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक आज सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक, सभी गैर-आपातकालीन और गैर-कोविड मेडिकल सेवाएं ठप रहेंगी।
हालांकि इस दौरान सभी आपातकालीन सेवाएं जारी रहेंगी। सभी आपातकालीन सेवाओं की तरह COVID अस्पताल, ICU, दुर्घटना और मैट्रनिटी होम्स और नवजात आईसीयू हमेशा की तरह काम करेगा। IMA का भी दावा है कि हड़ताल की वजह से ना ही कोरोना मरीजों का इलाज प्रभावित होगा और ना ही आपातकालीन सेवाओं पर कोई असर पड़ेगा।
#IMA is not against any recognised system of #medicine prescribing medicines under their own respective system.
Say no to #MIXOPATHY pic.twitter.com/AlNGuadno7— Indian Medical Association (@IMAIndiaOrg) December 10, 2020
महाराष्ट्र में आईएमए की 219 शाखाओं के 45,000 डॉक्टरों सहित महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल से पंजीकृत 110,000 डॉक्टर भी आंदोलन में भाग लेंगे। इसके अतिरिक्त महाराष्ट्र में 36 सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों से 15,000 मेडिकल छात्र जो MBBS की पढ़ाई कर रहे हैं वे IMA के मेडिकल स्टूडेंट्स नेटवर्क (एमएसएन) की विंग की ओर से सक्रिय रूप से भाग लेंगे।
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इस हड़ताल में आधुनिक चिकित्सा के स्पेशलिस्ट और सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों संगठनों के 34 संगठनों द्वारा सक्रिय रूप से समर्थन दिया जाएगा।
केंद्र सरकार का हाल का फैसला कि आयुर्वेद के डॉक्टर्स भी अब सर्जरी कर सकेंगे। इसी फैसले के खिलाफ इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने 8 दिसंबर से विरोध जताना शुरू कर दिया। आईएमए का मानना है कि इससे मिक्सोपैथी को बढ़ावा मिलेगा।
आईएमए ने एलोपैथ यानी आधुनिक चिकित्सा को सुरक्षित रखने के लिए 8 दिसंबर को प्रदर्शन भी किया था। गाजियाबाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की जनरल सेक्रेटरी डॉ. वानी पुरी ने कहा कि मिक्सोपैथी यानी खिचड़ी चिकित्सा पद्धति से किसी का भी भला नहीं होने वाला बल्कि विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों का क्षय ही होगा। सरकार को यह चाहिए कि वह हर एक पद्धति को स्वतंत्र रूप से विकसित करें ना की विभिन्न चिकित्सा पद्धतियों को आपस में मिलाए।