हिन्दू धर्म में मासिक दुर्गाष्टमी (Masik Durgashtami) पर्व का बहुत अधिक महत्व होता है। मासिक दुर्गाष्टमी हर महीने शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है। यह दिन मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा और आराधना के लिए समर्पित होता है। इस दिन व्रत रखने और पूजा करने से मां दुर्गा अपने भक्तों पर असीम कृपा बरसाती हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करती हैं। इस दिन उनकी पूजा करने से जीवन के सभी कष्ट और बाधाएं दूर होती हैं। मां दुर्गा को शक्ति का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को शत्रुओं और नकारात्मक शक्तियों पर विजय प्राप्त होती है। इस दिन व्रत रखने और पूजन करने से घर में सुख-समृद्धि आती है, धन-धान्य की वृद्धि होती है और पारिवारिक जीवन में शांति बनी रहती है।
ऐसी मान्यता है कि जो भक्त सच्चे मन से मां दुर्गा की आराधना करते हैं, उनकी सभी इच्छाएं पूरी होती हैं। अविवाहित लड़कियों को शीघ्र विवाह का आशीर्वाद मिलता है, और विवाहित महिलाओं को सौभाग्य की प्राप्ति होती है। मां दुर्गा आरोग्य प्रदाता भी हैं। उनकी पूजा से रोगों से मुक्ति मिलती है और स्वास्थ्य उत्तम रहता है।
द्रिक पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि 2 जून दिन सोमवार को रात 8 बजकर 34 मिनट से शुरू होगी और अगले दिन 3 जून दिन मंगलवार को रात 9 बजकर 56 मिनट पर समाप्त होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, मासिक दुर्गा अष्टमी का व्रत मंगलवार, 3 जून को ही रखा जाएगा और पारण अगले दिन 4 जून दिन बुधवार को किया जाएगा।
मासिक दुर्गाष्टमी (Durgashtami) पर इन चीजों का करें दान
घी (Ghee): घी को शुद्धता, पवित्रता और संपन्नता का प्रतीक माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, घी का दान करने से कुंडली में सूर्य, चंद्र, मंगल और बृहस्पति जैसे ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं, जिससे जीवन में समृद्धि आती है। शुद्ध गाय का घी किसी मंदिर में दान करें, या किसी गरीब परिवार को दें ताकि वे उससे भोजन बना सकें।
जौ (Barley): जौ को सृष्टि का प्रतीक और अत्यंत पवित्र अनाज माना जाता है। इसे देवी-देवताओं को चढ़ाने से उनकी कृपा मिलती है। जौ का दान मंदिर में या किसी ब्राह्मण को करें।
लाल वस्त्र या लाल चुनरी: मां दुर्गा को लाल रंग अत्यंत प्रिय है। लाल वस्त्र शक्ति, ऊर्जा और शुभता का प्रतीक हैं। लाल वस्त्रों का दान करने से मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं और अपने भक्तों को धन-धान्य का आशीर्वाद देती हैं। किसी कन्या को, सुहागिन महिला को या मंदिर में मां दुर्गा को अर्पित करने के लिए दान करें।
श्रृंगार सामग्री: सुहागिन महिलाएं मां दुर्गा को लाल चूड़ियां, सिंदूर, बिंदी, मेहंदी, आलता, गजरा जैसी श्रृंगार सामग्री अर्पित कर सकती हैं। पूजा के बाद यह सामग्री किसी सुहागिन महिला को दान करें। ऐसा करने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और घर में लक्ष्मी का वास होता है।
मीठा भोजन (खीर या हलवा): मां दुर्गा को मीठा भोजन प्रिय है। इस दिन आटे या सूजी के हलवे का भोग लगाकर कन्याओं या गरीबों को खिलाना बहुत शुभ होता हैत। इससे मां दुर्गा प्रसन्न होकर धन-धान्य की वृद्धि करती हैं। घर पर बना शुद्ध हलवा या खीर कन्याओं को खिलाएं या गरीबों में वितरित करें।
अन्न दान: किसी भी प्रकार का अन्न दान, विशेषकर चावल या गेहूं, सबसे बड़ा दान माना जाता है। इससे कभी भी घर में अन्न की कमी नहीं होती है। जरूरतमंदों को अनाज का दान करें।
हरी चीजें (कन्याओं को): यदि व्यापार में रुकावटें आ रही हों या धन के साधन नहीं बन रहे हों, तो मासिक दुर्गाष्टमी पर छोटी कन्याओं को हरे रंग के वस्त्र या 8 हरे रुमाल दान करना बहुत लाभकारी माना जाता है। इससे ग्रहों के शुभ परिणाम मिलते हैं। छोटी कन्याओं को हरे वस्त्र, चूड़ियां या रुमाल दें।
मासिक दुर्गाष्टमी (Durgashtami) पर दान का महत्व
मासिक दुर्गाष्टमी के दिन हमेशा पूर्ण श्रद्धा और निस्वार्थ भाव से दान करें। दिखावे के लिए किया गया दान फलदायी नहीं होता है। दान ऐसे व्यक्ति को करें जिसे वास्तव में उसकी आवश्यकता हो। दान करते समय मन शांत और सकारात्मक रखें। मासिक दुर्गाष्टमी के दिन इन चीजों का दान करने से मां दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है, जीवन के कष्ट दूर होते हैं और घर में सुख-समृद्धि तथा धन-धान्य की कमी नहीं होती है और जीवन में आने वाली परेशानियों से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा घर में सुख-समृद्धि का वास बना रहता है।