सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। मान्यता के अनुसार, इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखता है या पितरों का तर्पण करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सोमवती अमावस्या के दिन स्नान दान का भी महत्व होता है। कहते हैं कि सोमवती अमावस्या के दिन व्रत कथा सुनना बेहद शुभ माना जाता है। इस बारे में गरुड़ पुराण में वर्णन मिलता है। इसी वजह से सोमवती अमावस्या पर अपने पितरों को प्रसन्न करने के लिए वस्त्रों का दान करें।
शास्त्रों के अनुसार इस दिन धोती और गमछा दान करना चाहिए। इस साल की पहली सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) 08 अप्रैल 2024 को मनाई जाएगी। सोमवती अमावस्या पर आप पितृ दोष से मुक्ति पा सकते हैं। इस दिन आप काले तिल का दान करें। कहा जाता है कि ऐसा करने से पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और जीवन में तरक्की के द्वार खुलते हैं।
1. चांदी की चीजों का दान
पौराणिक मान्यता के अनुसार, पितर लोक का स्थान चंद्रमा के ऊपरी हिस्से में होता है, इस कारण पितरों को चांदी से बनी वस्तुओं का दान करने की सलाह दी जाती है। कहा जाता है कि इससे पितर प्रसन्न होते हैं और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
2. सफेद चीजों का दान
सोमवती अमावस्या (Somvati Amavasya) पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए चंद्रमा से जुड़ी वस्तुओं जैसे दूध और चावल का दान कर सकते हैं। ऐसा करने से नाराज पितर भी खुश होते हैं। उनका आशीर्वाद मिलता है और वंश की वृद्धि होती है।
3.पितृ दोष से मुक्ति
पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए सोमवती अमावस्या पर कुत्ते, गाय, कौआ आदि को भोजन कराएं। ऐसा करना पितृ दोष से निजात पाने और पितरों की कृपा पाने का सबसे आसान तरीका है।
4.दुर्लभ और मंगलकारी इंद्र योग
चैत्र अमावस्या पर दुर्लभ और मंगलकारी इंद्र योग का निर्माण हो रहा है। इंद्रयोग में भगवान विष्णु की पूजा करने से व्यक्ति के जीवन में आए सभी दुख और संकट का नाश होता है। इसके साथ ही पितरो का आशीर्वाद भी मिलता है।