कालाष्टमी (Kalashtami) हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाई जाती है, भगवान काल भैरव को समर्पित एक महत्वपूर्ण हिंदू पर्व है। ‘भैरव’ का अर्थ है ‘भय को हरने वाला’, और काल भैरव को भगवान शिव का एक उग्र और शक्तिशाली स्वरूप माना जाता है। भगवान काल भैरव को नकारात्मक ऊर्जा, बुरी आत्माओं और काले जादू से बचाने वाला माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को इन सभी नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है। काल भैरव की आराधना करने से भक्तों के मन से हर प्रकार का डर और चिंता दूर होती है। इसके साथ ही सभी प्रकार की बाधाएं और परेशानियां दूर होती हैं, जिससे कार्यों में सफलता मिलती है।
काल भैरव को न्याय का देवता और अनुशासन का प्रतीक माना जाता है। उनकी पूजा करने से व्यक्ति को सत्य के मार्ग पर चलने और अपने कर्तव्यों का पालन करने की प्रेरणा मिलती है। ऐसा माना जाता है कि काल भैरव की पूजा करने से शनि और राहु जैसे ग्रहों के बुरे प्रभावों को कम किया जा सकता है। कालाष्टमी (Kalashtami) का व्रत और भगवान काल भैरव की पूजा आध्यात्मिक उन्नति में सहायक होती है। यह मन को शुद्ध करती है और आत्मा को परमात्मा से जोड़ने में मदद करती है।
इन चीजों का करें दान
काले तिल: काले तिल शनि देव से संबंधित हैं और भगवान भैरव भी शनि के प्रकोप से रक्षा करते हैं। कालाष्टमी के दिन काले तिल का दान करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और जीवन में शांति आती है।
उड़द की दाल: उड़द की दाल भी शनि ग्रह से संबंधित मानी जाती है। इस दिन उड़द की दाल का दान करने से आर्थिक संकट दूर होते हैं और धन-धान्य में वृद्धि होती है।
सरसों का तेल: भगवान भैरव को सरसों का तेल अर्पित करना और इसका दान करना बहुत शुभ माना जाता है। इससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं से मुक्ति मिलती है और नकारात्मक शक्तियां दूर रहती हैं।
काले वस्त्र: काले रंग के वस्त्र भगवान भैरव को प्रिय हैं। कालाष्टमी के दिन काले वस्त्र का दान करने से दुर्भाग्य दूर होता है और जीवन में स्थिरता आती है।
लोहे की वस्तुएं: लोहा शनि का धातु है और इसका दान करने से शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं। कालाष्टमी के दिन लोहे की वस्तुएं जैसे कि कील या कोई छोटा औजार दान करना लाभकारी हो सकता है।
जूते या चप्पल: गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को जूते या चप्पल दान करना अच्छा माना जाता है। इससे राह में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
भोजन: गरीब और भूखे लोगों को भोजन कराना एक बहुत ही पुण्य का कार्य है। कालाष्टमी के दिन भोजन दान करने से भगवान भैरव प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद प्रदान करते हैं। आप काले कुत्ते को भी भोजन करा सकते हैं, क्योंकि कुत्ता भगवान भैरव का वाहन माना जाता है।
झाड़ू: मंदिर या किसी जरूरतमंद स्थान पर झाड़ू का दान करना नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और सफाई में योगदान देने का प्रतीक है।
कालाष्टमी (Kalashtami) का महत्व
ऐसी मान्यता है कि भक्त अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी कालाष्टमी (Kalashtami) का व्रत रखते हैं और भगवान काल भैरव की पूजा करते हैं। माना जाता है कि सच्चे मन से की गई प्रार्थनाएं अवश्य स्वीकार होती हैं। काल भैरव को तंत्र-मंत्र का देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा करने से भक्तों को किसी भी प्रकार के तांत्रिक अभिचार से सुरक्षा मिलती है।
कालाष्टमी (Kalashtami) का दिन भगवान काल भैरव की शक्ति और कृपा प्राप्त करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो भक्तों को सुरक्षा, साहस, और आध्यात्मिक प्रगति प्रदान करता है।