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…खाना न पहिले बनऊबे पिया, हम वोट डारै जरबे हो

लखनऊ। लोकतंत्र के सबसे बड़े पर्व विधानसभा चुनाव (UP Election) में अधिक से अधिक मतदान Voting) हो, इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने पूरी तरह कमर कस रखी है। मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने मतदाताओं को जागरूक करने के लिए गीतों का एक गुलदस्ता जारी किया है। इसमें बढ़ चढ़कर मतदान करने के लिए प्रेरित किया गया है, जिसमें राष्ट्रवाद की खुशबू साफ मिल रही है। गीत …आओ मतदान करें, लोकतंत्र का सम्मान करें। देश का हम उत्थान करें…गाने की शूटिंग में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी ब्रह्मदेव राम तिवारी समेत अन्य अधिकारी भी वोटरों को जागरूक करते नजर आ रहे हैं।

कार्यालय की वेबसाइट पर लांच लोकगीत…खाना न पहिले बनऊबे पिया, हम वोट डारै जरबे हो। देसवा के आगे बढऊबे पिया हम वोट डारै जइब हो…तेजी से हिट हो रहा है। गानों में तिरंगा शान से लहराता दिखाया गया है। कर्णप्रिय धुन के जरिये ग्रामीण और खासकर अवध व पूर्वांचल के वोटरों को बूथों तक पहुंचाने के लिए प्रेरित किया गया है। अगले गीत में वोटरों को लोभ में न आकर राष्ट्रहित में मतदान के लिए प्रेरित किया गया है। गीत के बोल हैं…रुपिया पइसा के लालच में वोट नहीं करना बेकार, स्वच्छ छवि का नेता चुनकर दूर है करना भ्रष्टाचार। गाने के अंत में ….ऐसा नेता चुनकर भेजें, जिस पर सब अभिमान करें… गाते हुए चुनावी दंगल में उतरे दागदारी नेताओं को दूर रखने की अपील की गयी है।

इसके अलावा लोक कलाकारों ने भी मतदान को लोकतंत्र का पर्व बताते हुए प्रेरक गाने बनाये हैं। गायिका नेहा राठौर ने सुना चाचा-चाची, सुना काका-काकी गाकर लोगों से खुलकर मतदान करने की अपील की है। कविता तिवारी का गाना…जागो-जागो मेरे देश के ..मतदाता विधाता बनो भारत के, काफी सुना जा रहा है। इसमें भी लोकरंंग के साथ राष्ट्रवाद की तरंंग साफ उभरती है। पार्श्व गायक कैलाश खेर ने भी झांसी के वोटरों से खुुलकर मतदान करने की अपील की है। उन्होंने गीत…घर से निकलो बटन दबाओ वोट दो, हर बुराई पर नुकीली चोट दो…वोट दो, वोट दो गाते हुए इसे लोकतंत्र का महान पर्व बताया। कई जिलाधिकारियों ने भी मतदान जागरूकता संदेश वायरल किया है।

चुनावी सहालग में गानों के जरिये नया राजनीतिक मंंच सजाया गया है। भाजपा सांसद व अभिनेता रवि किशन के रैप सांग…यूपी में सब बा के जवाब में बिहार की गायिका नेहा राठौर ने…यूूपी में का बा गाकर एक नयी बहस छेड़ ही चुकी हैं। गानों के जरिये राजनीतिक सवाल-जवाब के बीच अब आजमगढ़ में महिला शिक्षक संघ की महिलाओं ने…एक वोट में का बा गाने के जरिये मतदाताओं को लोकतंत्र की ताकत बताते हुए एक-एक वोट का महत्व बताया है। मतदाताओं को जागरूक करते इन गीतों में लोकरंग गाढ़ा है, वहीं राष्ट्रवाद की भी तरंग ऊंची है।

विधानसभा चुनावों में गीत-संगीत की लहरों पर सवार होकर राजनीति नये अंदाज में बह रही है। यूूपी में सब बा…गाने के बाद नेहा राठौर यूपी में का बा…ने खूब सुर्खियां बटोरी। इन गीतों को राजनीतिक दलों के समर्थन और विरोध से जोड़कर देखा गया। बाद में मेरठ की कवयित्री अनामिका अंबर ने बुंदेलखंडी बोली में एक चुनावी गीत रिकार्ड कर चर्चा बटोरी। चुनावी दलों की प्रशंसा और आलोचना से परे महिलाओं की एक टीम ने एक वोट में का बा…के जरिये बताया है कि एक वोट से शिक्षा में सुधार बा… दूर अंधियार बा, गांव में रोजगार बा…बहुत पैदावार बा, सुखी संंसार बा…दूर भ्रष्टाचार बा और एक वोट से हीलत दिल्ली सरकार बा। सुना….एक वोट में ई बा।

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