प्रदेश के मुख्य सचिव राजेंद्र कुमार तिवारी ने गुरुवार को निर्देश दिये कि औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में स्थापित इकाई की नीलामी में खरीदी गयी परिसम्पत्तियों पर उद्यमियों से विक्रय-विलेख और पट्टा-विलेख, मतलब दो बार स्टाम्प शुल्क लगाने की व्यवस्था को नियमानुसार खत्म कर दिया जाये, क्योंकि यह केवल पट्टा हस्तांतरण की प्रक्रिया होनी चाहिए और इस पर केवल एक बार स्टाम्प शुल्क लिया जाना चाहिए।
उन्होंने कड़े निर्देश दिये हैं कि राज्य सरकार की औद्योगिक एवं निवेशोन्मुख नीतियों व नियमों के अनुसार जिलाधिकारियों सहित सभी संबंधित विभागों द्वारा सकारात्मक दृष्टिकोण अपनाते हुए प्रदेश में निवेशकों व उद्योगों को प्रोत्साहन एवं सुविधा प्रदान की जानी चाहिए।
मुख्य सचिव ने लोक भवन स्थित अपने कार्यालय में निवेश प्रोत्साहन और उद्यमियों की समस्याओं के बारे में उच्च-स्तरीय अंतर्विभागीय बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। तिवारी ने यह निर्देश मेसर्स ट्रिब्यूला एक्सपोर्ट्स, कानपुर द्वारा सरफेसी एक्ट-2002 के तहत नीलामी में दोहरे स्टाम्प शुल्क के भुगतान के प्रकरण के समाधान के संदर्भ में राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) को दिये गये। इस निर्देश के परिणामस्वरूप समान प्रकृति के अन्य लगभग 12 प्रकरणों का भी समाधान हो जायेगा।
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मेसर्स सदाहारी शक्ति प्राइवेट लिमिटेड, फतेहपुर के पहली इकाई के लंबित बिजली बिल के प्रकरण में उन्होंने निर्देश दिया कि विभिन्न अधिनियमों के तहत औद्योगिक विकास प्राधिकरणों में स्थित परिसम्पत्तियों पर पूर्व इकाई के देयों के लम्बित होने की दशा में नीलामी में परिसम्पत्तियों के मूल्यांकन पर विचार-विमर्श कर यथोचित व्यवस्था निर्धारित की जाये, उन्होंने निर्देशित किया कि इस सम्बंध में शासनादेश जारी किया जाये।
तिवारी ने निवेश प्रोत्साहन एवं सुविधा से जुडी बैठकों में अधिकारियों को प्रकरणों पर पूरी जानकारी न होने पर अप्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अधिकारी बैठकों में पूरी तैयारी से आयें, किसी भीप्रकरण को गैर-जरूरी तौर पर विलम्बित करने वाले सम्बंधित अधिकारियों का उत्तरदायित्व निर्धारित करते हुए दंडित किया जायेगा। बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास विभाग, ऊर्जा विभाग, आवास विभाग, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, कृषि विपणन विभाग, सहकारिता विभाग, राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) के नौ प्रकरणों पर विचार-विमर्श किया गया और सम्बंधित विभागों को समयबद्ध तौर से त्वरित निस्तारण के लिए निर्देश दिये गये।
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बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त आलोक टण्डन, अपर मुख्य सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आलोक कुमार, मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीसीडा मयूर माहेश्वरी और विशेष सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास सुजाता शर्मा सहित संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण मौजूद थे।