कोरबा। आकाशीय बिजली एक दैवीय आपदा है, जिसे कोई रोका नहीं सकता, लेकिन जागरूकता अभियान के माध्यम से सतर्क कर लोगों की जान बचाई जा सकती है। आकाशीय बिजली के सटीक पूर्वानुमान के लिए पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय द्वारा संचालित भारतीय उष्णदेशीय मौसम विज्ञान संस्थान ने एक मोबाइल एप बनाया है।
इस एप की मदद से बिजली गिरने के 30 से 40 मिनट पहले ही इसकी चेतावनी मोबाइल पर मिल जाएगी। इस एप का नाम दामिनी है, जो बिजली गिरने से पहले चेतावनी देगी। हर साल 50 -100 जगह बिजली गिरने की घटनाएं होती हैं। हाल के वर्षों में आकाशीय बिजली को अन्य सभी प्राकृतिक आपदाओं की तुलना में सबसे अधिक जानलेवा आपदा में माना गया है। बिजली गिरने से भारत में हर साल लगभग दो हज़ार से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।
वज्रपात एक तेजी से विकसित होने वाली मौसम संबंधी घटना क्रम है। अब दामिनी एप बिजली गिरने से पहले चेतावनी देगा इसके साथ ही बचाव की भी जानकारी देगा। कटघोरा के सुतर्रा स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के मौसम वैज्ञानिक संजय भेलावे ने बताया गया कि यह मोबाइल एप किसानों के साथ-साथ आम जनता के लिए भी उपयोगी साबित हो रहा है।
ऐसे करें डाउनलोड
मौसम वैज्ञानिक संजय भेलावे ने बताया कि इस एप को आप अपने मोबाइल के प्ले स्टोर से निःशुल्क डाउनलोड कर एप में मांगी गई आवश्यक जानकारी जैसे अपना नाम, मोबाइल नंबर, पिन कोड, लोकेशन, व्यवसाय फीड कर रजिस्टर करना होता है। जानकारी फीड करने के बाद यह एप उस स्थान में बिजली गिरने की आशंका होने पर उपयोगकर्ता को तुरंत इसकी सूचना दे देता है।
कोरबा अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में शामिल
छत्तीसगढ़ राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कोरबा सहित रायगढ़, महासमुंद और बस्तर जिले को अत्याधिक वज्रपात वाले जिले की श्रेणी में चिन्हांकित किया है. वज्रपात की वजह से हर साल बड़ी संख्या में लोगों की मृत्यु और जन-धन की हानि होती है। अमूमन जून से सितम्बर माह में वज्रपात की अत्याधिक घटनाएं होती हैं। राज्य शासन द्वारा वज्रपात की घटनाओं के दौरान जनधन की हानि को रोकने और बचाव के लिए आवश्यक सावधानियां बरतने की अपील आम नागरिकों से की गई है।
ऐसे बरते सावधानी
वज्रपात के दौरान अगर घर में हो तो पानी का नल, फ्रिज, टेलीफोन आदि को न छुएं और उससे दूर रहे तथा बिजली से चलने वाली यंत्रों-उपकरणों को बंद कर दें।
अगर दो पहिया वाहन, साइकिल, ट्रक, खुले वाहन, नौका आदि पर सवार हो तो तुरंत उतरकर सुरक्षित स्थानों पर चले जाएं। वज्रपात-आकाशीय बिजली के दौरान वाहनों पर सवारी न करें।
धातु की डंडी वाले छातों का उपयोग न करें
टेलीफोन और बिजली के पोल-खम्भे तथा टेलीफोन टावर से दूर रहें। कपड़े सुखाने के लिए तार का प्रयोग न करें। जूट या सूत की रस्सी का उपयोग करें। बिजली की चमक देख तथा गड़गड़ाहट की आवाज सुनकर ऊंचे और एकल पेड़ों पर नहीं जाएं।
अगर आप जंगल में हो तो छोटे और घने पेड़ों की शरण में चले जाएं। दलदल वाले स्थलों तथा जल स्रोतों से यथा संभव दूर रहे, लेकिन खुुले आकाश में रहने से अच्छा है कि छोटे पेड़ों के नीचे रहें। खुले आकाश में रहने को बाध्य हो तो नीचे के स्थलों को चुने। एक साथ कई आदमी इक्ट्ठे न हो। दो आदमी की दूरी कम से कम 15 फीट हो।
तैराकी कर रहे लोग, मछुआरे आदि पानी में न रहें। गीले खेतों में हल चलाते, रोपनी या अन्य कार्य कर रहे किसान, मजदूर या तालाब में कार्य कर रहे व्यक्ति तुरंत सूखे और सुरक्षित स्थान पर जाएं। धातु से बने कृषि यंत्र, डंडा आदि से खुद को दूर कर लें।
अगर आप खेत-खलिहान में काम कर रहे हो तथा किसी सुरक्षित स्थान की शरण न ले पाएं तो जहां है वहीं रहें, हो सके तो पैरों के नीचे सूखी चीज जैसे लकड़ी ,प्लास्टिक, बोरा या सूखे पत्ते रख लें। दोनों पैरों को आपस में सटा लें एवं दोनों हाथों को घुटनों पर रखकर अपने सिर को जमीन की तरफ यथा संभव झुका लें, सिर को जमीन से न छुआएं। जमीन पर कभी न लेटे।