उत्तर प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि राज्य में सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की 80 प्रतिशत इकाइयाें में उत्पाद शुरू हो गया है।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम डा0 नवनीत सहगल ने यहां कहा कि एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को 15,000 करोड़ रुपये ऋण वितरण का लक्ष्य है और इस लक्ष्य को हासिल करने में बैंकर्स की अहम भूूमिका होगी। उन्होंने कहा कि लाॅकडाउन होने से लेकर अब तक 80 प्रतिशत इकाइयां 80 से 100 फीसदी तक क्षमता के साथ उत्पादनरत हैं। शेष इकाइयों को शीघ्र शुरू कराने का प्रयास किये जा रहे हैं।
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डॉ0 सहगल गुरूवार को यहां रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया द्वारा आयोजित एमएसएमई इकाइयों में ऋण उपलब्धता को आसान बनाने के लिये आयोजित वेबिनार को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत इमरजेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम से प्रदेश की अधिक से अधिक एम0एस0एम0ई0 इकाइयों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। बैंको को इसमें पूरा सहयोग प्रदान करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अन्य प्रदेशों की अपेक्षा उत्तर प्रदेश में एम0एस0एम0ई0 इकाइयों की ग्रोथ ओवरआल अच्छी है। उन्होंने कहा कि एक जिला-एक उत्पाद (ओ0डी0ओ0पी0) योजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में क्लस्टर चिन्हित किये जा चुके हैं। एसएलबीसी से जुड़े प्रत्येक बैंक को एक या दो ओडीओपी उत्पाद को चुनकर उन्हें ऋण देने उपलब्ध कराने के सार्थक प्रयास करने चाहिए।
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अपर मुख्य सचिव ने कहा कि कई एमएसएमई इकाइयां कतिपय कारणों से आत्मानिर्भर भारत पैकेज के तहत क्रेडिट सुविधाओं का लाभ लेने से वंचित हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी इकाइयों की सूची उपलब्ध कराई जाय, ताकि उनसे संवाद कर उनकी समस्याओं और जिज्ञासाओं का समाधान कर उनको इस योजना से लाभान्वित किया जा सके। उन्होंने चर्चा के दौरान एमएसएमई इकाइयों को ऋण प्रदान करने की गति को तीव्र करने और नियमों को आसान बनाने के लिए प्रत्येक राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति विशेष तौर पर अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि उद्यमियों को दिये जाने वाला उचित और त्वरित ऋण एनपीए को कम करने में भी मदद करेगा।
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उन्हाेंने कहा कि इस कदम से यह भी सुनिश्चित होगा कि जरूरतमंद इकाई को बिना किसी परेशानी के ऋण मिल जाएगा। उन्होंने इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए एसएलबीसी की सुविधा हेतु ओ0डी0ओ0पी0 सेल स्थापित करने का आश्वासन भी दिया।
वेबिनार में एम0एस0एम0ई सेक्टर के लिये के्रडिट प्रवाह को बनाये रखने, इकाइयों के पुनरूद्वार के लिए फे्रम वर्क, वन टाइम रिस्ट्रक्चरिंग स्कीम, क्रेडिट गारंटी ट्रस्ट फंड स्कीम सहित तमाम बिन्दुओं पर चर्चा की गई।