कोरोना के कारण महीनों तक चले लाॅकडाउन के बावजूद उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) ने वर्ष 2020-21 में शानदार प्रदर्शन किया है। बीते वर्ष के दौरान इस रेलवे जोन ने सबसे अधिक माल ढुलाई करके अब तक का एक रिकॉर्ड बनाया है।
उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक विनय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि वर्ष 2020-21 के दौरान एनसीआर ने रिकॉर्ड 16.60 मिलियन टन माल की ढुलाई की, जो अब तक सबसे अधिक माल ढुलाई का रिकॉर्ड है। इसके पहले एनसीआर ने 2018-19 में 15.40 मिलियन टन माल की ढुलाई की थी। यही नहीं, इस कोरोना काल में एनसीआर ने मित्तव्ययिता का पालन करते हुए 891.97 करोड़ की बचत भी की। विनय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि कोरोना काल में देशवासियों तक जरूरी खाद्यान्न पहुंचाने में एनसीआर ने पूरी ताकत झोंक दी।
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इस रिकॉर्ड तोड़ माल ढुलाई के आकड़ें में सबसे अधिक हिस्सेदारी खाद्यान्न ढुलाई की ही है। 2020-21 में खाद्यान्न की ढुलाई में 89.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल एनसीआर ने 0.98 मिलियन टन खाद्यान्न की ढुलाई की थी, लेकिन इस साल इस रेलवे जोन ने 1.86 मिलियन टन खाद्यान्न की ढुलाई की है। पूरे आंकड़ें देखें तो 2020-21 में एनसीआर ने पिछले साल के मुकाबले 12.5 प्रतिशत अधिक माल की ढुलाई की है। जाहिर है कि इससे रेलवे की कमाई भी बढ़ी है।
एनसीआर के महाप्रबंधक ने बताया कि माल की ढुलाई बढ़ाने के लिए रेलवे के स्तर पर काफी अनुशासन बरता गया। न सिर्फ माल गाड़ी की औसत गति 24.19 किलोमीटर प्रतिघंटे से बढ़ाकर 44.36 किलोमीटर प्रति घंटे की गई बल्कि समय की पाबंदी भी 86.91 प्रतिशत तक प्राप्त की गई। यानी लगभग 90 प्रतिशत मालगाड़ियां अपने निर्धारित समय पर गंतव्य तक पहुंचने में सफल रहीं। इसके पहले समयबद्धता के मामले में एनसीआर का रिकॉर्ड केवल 60 प्रतिशत के बराबर था।
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विनय कुमार त्रिपाठी के नेतृत्व में एनसीआर ने न केवल अपनी आमदनी बढ़ाई, समय बद्धता का पूरा पालन किया, बल्कि अन्य स्रोतों से अपनी आय बढ़ाने में भी सफलता प्राप्त की। महाप्रबंधक ने बताया कि एनसीआर ने स्क्रैप के जरिए 2020-21 में 210 करोड़ रुपये की आय के लक्ष्य को पार करते हुए इस वर्ष 270.70 करोड़ रुपये का उपार्जन किया। यह भी अपने आप में एक रिकॉर्ड है। एनसीआर ने इस वर्ष के दौरान बचत को भी काफी प्रोत्साहित किया और विभिन्न खर्चों में कटौती व वैकल्पिक उपायों के जरिए 891 करोड़ की बचत कर डाली।
उन्होंने बताया कि रेलवे के इस जोन ने हाई स्पीड डीजल के खर्च में 364.27 करोड़ की कटौती की, तो ट्रैक्शन ऊर्जा खपत में कमी कर 232.34 करोड़ रुपये बचाया। स्टाॅफ खर्चे में कटौती के जरिए भी 167 करोड़ की बचत की गई। एनसीआर महाप्रबंधक ने बताया कि आने वाले दिनों में भी एनसीआर अपने इस प्रदर्शन में और सुधार करेगा। उन्होंने कोरोना को फैलते देख अपने सभी स्टाॅफ को एहतियात बरतने और लगातार उनके स्वास्थ्य जांच किये जाने पर भी जोर दिया।