मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को लखनऊ में भारतीय जनता पार्टी के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में विपक्षी दलों के कार्य को लेकर उनके ऊपर जोरदार हमला बोला। गन्ना संस्थान के हाल में उन्होंने विपक्षी के देश तथा प्रदेश के कार्यकाल की भाजपा की सरकारों के कार्यकाल की तुलना की।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में अब अमन-चैन दिखने लगा है। हमने कानून-व्यवस्था पर काफी जोर दिया है। पहले गुंडे सरकारी संपत्तियों को हड़पते थे। उनकी दहशत के कारण संभ्रांत परिवार अपनी बेटियों को स्कूल भेजने में डरते थे।
पहले तो प्रदेश में त्यौहार से पहले कर्फ्यू लगता था। अब अपराधियों को मालूम है कि राज्य सरकार का बुलडोजर खड़ा है। गुंडे, अपराधी, माफिया पहले गरीबों की सम्पत्ति हड़प लेते थे। बहन-बेटियों का जीना दूभर था। आज उत्तर प्रदेश में सुरक्षा का एक माहौल है। सुरक्षा का वातावरण देने में हम इसलिए सफल हुए हैं क्योंकि डबल इंजन की सरकार चल रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहले राम मंदिर का नाम लेने पर पहले रामभक्तों पर गोलियां चलाई जाती थीं। भाजपा ने इतना बड़ा काम किया है कि लोग हैरान हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में आकर भव्य श्रीराम मंदिर का शिलान्यास किया है। अब तो गोली चलवाने वाले भी अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण का काम देख रहे हैं। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अब छद्म भेष में लोग अपने आपको रामभक्त बताएंगे।
भाजपा ने जो कहा वो कर के दिखाया, हमने कहा था रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे। और मोदी जी मंदिर बनवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पहले बिजली सिर्फ तीन-जिलों में ही 24 घंटा तक मिलती थी। आज प्रदेश के सभी 75 जिलों में बिजली लगातार मिल रही है। इतना ही नहीं एक करोड़ 51 लाख से अधिक गरीबों को नि:शुल्क विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। जिससे कि वह लोग भी सुविधा का लाभ लें।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कहा कि देश में अटल के कार्यकाल को छोड़ दें तो भारत और भारतीयता के बारे में कोई चर्चा नहीं करता था। गांव, गरीब, नौजवान, महिला, किसान, व्यापारी के बारे में कोई चर्चा करने को तैयार नहीं था। भाजपा की सरकार के 20214 से देश में तथा 2017 से उत्तर प्रदेश में आने के बाद फर्क बहुत स्पष्ट है। आप देख ही रहे होंगे कि 2014 के पहले भारत क्या था और 2014 के बाद भारत आज कहां है। 2014 के पहले भारत के अंदर अविश्वास, अराजकता, अव्यवस्था और असुरक्षा का वातावरण था। 2014 के पहले देश के अंदर रोज एक नया घोटाला आता था। अब तो लोगों को ढ़ूंढने पर भी घोटाला नहीं मिल रहा है। देश के अंदर सैकड़ों संस्थाओं का नामकरण नेहरू खानदान के नाम है। लेकिन महाराज सुहेलदेव के नाम पर मेडिकल कॉलेज का नामकरण हमारी सरकार ने किया। बहराइच मेडिकल कॉलेज का नाम महाराज सुहेलदेव के नाम पर हमारी सरकार ने किया। फर्क साफ है। एक राष्ट्ररक्षक के रूप में, हिन्दू रक्षक के रूप में महाराज सुहेलदेव को सम्मान देता है, और दूसरा अपने वोटबैंक खिसक न जाए इसलिए महाराज सुहेलदेव का नाम ही नहीं लेते हैं