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AAP सांसद संजय सिंह के आवास पर ED की रेड, शराब घोटाला मामले में कार्रवाई

sanjay singh

sanjay singh

नई दिल्ली। दिल्ली का शराब घोटाला अब आम आदमी पार्टी सरकार के गले की फांस बन गया है। आज प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने आप के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ( Sanjay Singh)  के आवास पर छापेमारी की। बताया जा रहा है कि ईडी ने ये छापेमारी दिल्ली की विवादित शराब नीति में घोटाले को लेकर की है। इससे पहले संजय सिंह ( Sanjay Singh) के करीबियों के यहां भी छापे पड़े थे। शराब घोटाले की चार्जशीट में भी संजय सिंह का नाम था। दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया भी शराब नीति में घोटाले के मामले में गिरफ्तार हुए हैं।

ताइवान रवाना होने वाले थे संजय सिंह (Sanjay Singh) 

बताया जा रहा है कि संजय सिंह को कल रात महिला सशक्तिकरण पर एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए ताइवान जाना था। लेकिन सरकार ने उन्हें राजनीतिक मंजूरी जारी नहीं की, इसलिए वह उड़ान नहीं भर सके।

संजय सिंह (Sanjay Singh) पर चार्जशीट में क्या हैं आरोप?

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने अपनी चार्जशीट में आरोप लगाया था कि शराब घोटाले के आरोपी व्यवसायी दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस बैठक में संजय सिंह भी मौजूद थे।

ईडी के सामने दिनेश अरोड़ा द्वारा दिए बयान के मुताबिक, वह सबसे पहले एक कार्यक्रम में संजय सिंह से मिला था। इसके बाद वह मनीष सिसोदिया के संपर्क में आया। सूत्रों का कहना है, यह दिल्ली चुनाव से पहले AAP नेता द्वारा आयोजित एक फंड जुटाने का कार्यक्रम था।

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चार्जशीट के मुताबिक, संजय सिंह के कहने पर दिनेश अरोड़ा ने दिल्ली में आगामी चुनावों के लिए पार्टी फंड इकट्ठा करने के लिए कई रेस्तरां मालिकों से बात की। इतना ही नहीं उसने 32 लाख रुपये का चेक भी सिसोदिया को सौंपा। ईडी ने यह भी आरोप लगाया है कि संजय सिंह ने दिनेश अरोड़ा का एक मुद्दा सुलझाया जो एक्साइज विभाग के पास लंबित था।

AAP के कई नेता रडार पर

इससे पहले भी आम आदमी पार्टी के तमाम नेता जांच एजेंसियों के रडार पर आ चुके हैं। ED ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पिछले साल मई में आप सरकार में मंत्री रहे सत्येन्द्र जैन को गिरफ्तार किया था। हालांकि, अभी वे बीमारी के चलते सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत पर हैं।

इसके अलावा ED ने दिल्ली शराब नीति में घोटाले के आरोप में सीबीआई ने इसी साल फरवरी में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद शराब घोटाले में मनी लॉन्ड्रिंग की जांच कर रही ED ने उन्हें गिरफ्तार किया था। सिसोदिया अभी जेल में बंद हैं। हालांकि, आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल अपने नेताओं को कट्टर ईमानदार बताते रहे हैं।

दिल्ली सरकार क्यों लेकर आई नई शराब नीति?

बता दें कि दिल्ली में शराब की बिक्री को लेकर लाइसेंस जारी करने और ठेके-बार चलाने के लिए नई आबकारी नीति को लागू किया गया था। नीति के जरिए होटल, बार, क्लब और रेस्तरां के मालिकों को रात तीन बजे तक खोलने की इजाजत दी गई। वहीं, कुछ लोगों को लाइसेंसस देकर 24 घंटे भी दुकाने खोलने की इजाजत मिल गई। इस नीति के तहत दिल्ली को 32 जोन में बांटकर लाइसेंस जारी किए गए थे। बाद में लाइसेंस जारी करने को लेकर दिल्ली सरकार पर घोटाले के आरोप लगे।

क्यों उठे नई शराब नीति पर सवाल?

दरअसल दिल्ली में पुरानी शराब नीति के मुताबिक, 60 फीसदी दुकानें सरकारी थीं जबकि 40 फीसदी प्राइवेट यानी निजी हाथों में थीं। बाद में नई नीति लागू कर 100 फीसदी दुकानों को निजी कारोबारियों को सौंप दिया गया। इतना ही नहीं राज्य में शराब का सेवन करने की कानूनी उम्र की सीमा को 25 साल से घटाकर 21 साल कर दिया गया। दिल्ली सरकार पर आरोप लगे कि वह शराब को बढ़ावा दे रही है।

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