• About us
  • Privacy Policy
  • Disclaimer
  • Terms & Conditions
  • Contact
24 Ghante Latest Hindi News
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म
No Result
View All Result

सब बोलय त बोलय चलनियो बोलय जेकरे बहत्तर छेद

Desk by Desk
20/11/2020
in Main Slider, ख़ास खबर, नई दिल्ली, बिहार, राजनीति, राष्ट्रीय
0
मेवालाल चौधरी

मेवालाल चौधरी

14
SHARES
176
VIEWS
Share on FacebookShare on TwitterShare on Whatsapp

सियाराम पांडेय ‘शांत’

भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे बिहार के शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी ने शपथग्रहण के तीन दिन के भीतर ही अपने पद से इस्तीफा तो दे दिया, लेकिन इसके साथ ही कई सवाल भी छोड़ दिए। सवाल यह है कि अगर भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते उनका इस्तीफा हो सकता है तो बिहार के अन्य विधायकों और मंत्रियों को, यह जानते हुए भी कि वे अपराधी हैं, अपने पद पर क्यों बने रहना चाहिए? यह तो नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत के विपरीत है।

भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी व्यक्ति को मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए लेकिन क्या किसी अपराधी और भ्रष्टाचारी को राजनीतिक दलों का टिकट मिलना चाहिए। राजनीतिक दल एक ओर तो शुचिता और पारदर्शिता का दम भरते हैं, दूसरी ओर वह ऐसे लोगों को चुनाव मैदान में उतारते हैं जो अपराधी और बाहुबली हों। करोड़पति, लखपति और अरबपति हों।

राजद नेता तेजस्वी यादव ने पूछा है कि मेवालाल चौधरी अगर शिक्षा मंत्री रहते तो इससे शिक्षा व्यवस्था का क्या होता? सवाल बेहद समसामयिक है लेकिन इस सवाल से और भी कई सवाल उपजते हैं जिस पर तेजस्वी यादव या उन सरीखे अन्य नीतीश विरोधियों ने ध्यान नहीं दिया। ऐसे विधायक जो खुद स्वीकार कर रहे हैं कि वे अपराधी हैं, उन्हें टिकट देकर और चुनाव जिताकर क्या विपक्ष ने अपराध नहीं किया है? वे जितने दोषी हैं, उससे अधिक दोषी तो वे राजनीतिक दल हैं जिन्होंने ऐसा गुनाह किया और जनभावनाओं के साथ खेलने की कोशिश की?

दाखिला रद्द कराने वाले छात्रों को पूरी फीस वापस करेगा अंबेडकर विश्वविद्यालय

क्या कभी यह जानने-समझने की कोशिश की गई कि कक्षा आठ, कक्षा दस और कक्षा 12 पास विधायक और इसी योग्यता पर कदाचित मंत्री बन चुकी शख्सियतें जनता के आखिर किस काम की हैं? मेवालाल को शिक्षा विभाग का मंत्री नहीं बनाया जाना चाहिए था। यह जानते हुए भी कि उन पर पांच साल पहले बिहार कृषि विश्वविद्यालय, भागलपुर में असिस्टेंट प्रोफेसरों और तकनीकी सहायकों की नियुक्ति में गउ़बड़ी करने का आरोप है। उन पर अपनी पत्नी की कथित तौर पर हत्या का आरोप है लेकिन मुख्यमंत्री पर सीधे हमलावर हो जाने से पहले मेवालाल के स्पष्टीकरण पर तो विचार कर लिया गया होता।

राजनीतिक विरोध के लिए लालू प्रसाद यादव तक ने नीतीश कुमार पर मेवालाल से मेवा खाने का आरोप लगा दिया। यह तो वही बात हुई कि ‘सब बोलय तो बोलय चलनियो बोलय जेकरे बहत्तर छेद।’लालू यादव ने तो अपने मुख्यमंत्रित्व काल में स्कूटर पर पंजाब से भैंस लाने, कोलतार पीने ओर पशुओं का चारा हजम करने का अपराध किया था। खुद तेजस्वी यादव ने चुनाव आयोग को अपने बारे में जानकारी दी है कि उन पर कई आपराधिक केस दर्ज। है। घारा 420 और 120 बी के तहत केस दर्ज है। ऐसा व्यक्ति अगर बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हो सकता हे और मंत्रियों जैसी सरकारी सुविधा हासिल कर सकता है तो मेवालाल जो कुलपति रह चुके हैं ओर तेजस्वी से अनुभवी भी अधिक हैं और उनसे ज्यादा शिक्षित भी हैं, बिहार के शिक्षा मंत्री क्यों नहीं हो सकते?

NTA ने AISSEE के लिए आवेदन की अंतिम तिथि बढ़ाई

गौरतलब है कि बिहार में नवगठित नीतीश मंत्रिमंडल के 14 मंत्रियों में से आठ ने एडीआर रिपोर्ट में अपने खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज होने की जानकारी दी है। एडीआर की रिपोर्ट तो यहां तक कहती है कि राष्ट्रीय जनता दल के 54 विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं। भाजपा के 73 में से 47, जदयू के 43 में से 20, कांग्रेस के 19 में से 16 पर आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। नैतिकता का तकाजा तो यह है कि किसी भी अपराधी को चाहे वह छोटा अपराधी हो या बड़ा, जनप्रतिनिधि नहीं बनना चाहिए और अगर खुदानखास्ता वे विधायक या मंत्री बन भी गए तो उन्हें मेवालाल चौधरी की तरह ही इस्तीफे दे देने चाहिए।

मेवालाल चौधरी विधानसभा चुनाव में तारापुर सीट से निर्वाचित हुए थे। उनके इस्तीफे को राज्यपाल फागू चौहान ने स्वीकार कर लिया है । हालांकि मेवालाल चौधरी ने अपनी सफाई देते हुए कहा है कि वे नियुक्तियों में सीधे तौर पर शामिल नहीं थे। कुलपति के रूप में, वे केवल विशेषज्ञों की समिति के अध्यक्ष थे जिसे भर्ती का काम सौंपा गया था। इसके अलावा, किसी भी अदालत ने मुझे दोषी नहीं ठहराया है और न ही मेरे खिलाफ कोई चार्जशीट दायर की गई है। उनका नाम 2017 में भागलपुर जिले के बिहार कृषि विश्वविद्यालय में सहायक शिक्षकों और कनिष्ठ वैज्ञानिकों की नियुक्तियों में अनियमितता से संबंधित दर्ज एक प्राथमिकी में आया था।

हापुड़ के गढ़मुक्तेश्वर में गंगा स्नान और दीपदान पर पाबंदी, धारा 144 लागू

जद (यू) प्रमुख के करीबी माने जाने वाले, चौधरी को कुलपति के तौर पर उस समय नियुक्त किया गया था, जब 2010 में उक्त विश्वविद्यालय की स्थापना हुई थी और पांच साल बाद अपने कार्यकाल की समाप्ति पर तारापुर विधानसभा सीट से पार्टी के टिकट पर निर्वाचित हुए थे जिसे उन्होंने हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में बरकरार रखा। राज्य के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी जो उस समय विपक्ष में थे और भ्रष्टाचार के मामले में उन्होंने उनके खिलाफ खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी।

हालांकि, उन्होंने 2010-15 में तारापुर से विधायक रहीं और पिछले साल गैस सिलिंडर विस्फोट में मारी गई अपनी पत्नी अपनी पत्नी नीता की मृत्यु पर कुछ लोगों द्वारा संदेह जताए जाने पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि वे उन लोगों को कानूनी नोटिस भेज रहे हैं जो उनके खिलाफ दुष्प्रचार कर रहे हैं। वे उन पर 50 करोड़ रुपये के हर्जाने की मांग करेंगे।

तेजस्वी यादव ने ट्वीट कर कहा कि जनादेश के माध्यम से बिहार ने हमें एक आदेश दिया है कि आपकी यानी नीतीश कुमार की भ्रष्ट नीति, नीयत और नियम के खिलाफ आपको आगाह करते रहें। महज एक इस्तीफे से बात नहीं बनेगी। अभी तो 19 लाख नौकरियां, संविदा और समान काम-समान वेतन जैसे अनेकों जन सरोकार के मुद्दों पर मिलेंगे। मैंने कहा था न आप थक चुके हैं ।

इसलिए आपकी सोचने-समझने की शक्ति क्षीण हो चुकी है। जानबूझकर भ्रष्टाचारी को मंत्री बनाया, थू-थू के बावजूद पदभार ग्रहण कराया, घंटे बाद इस्तीफे का नाटक रचाया। असली गुनहगार आप हैं। आपने मंत्री क्यों बनाया? आपका दोहरापन और नौटंकी अब चलने नहीं दी जाएगी? राजद के आधिकारिक ट्वीट में कहा गया है कि नीतीश कुमार के लिए और भी बहुत कुछ कहा गया है। भाकपा-माले के प्रदेश सचिव कुणाल ने कहा है कि विधानसभा सत्र के पहले दिन उनकी पार्टी के विधायक विरोध दर्ज कराएंगे।

सीसैब आज जारी करेगा स्पेशल राउंड का फर्स्ट सीट अलॉटमेंट रिजल्ट

मंत्री तो अच्छे लोगों को ही बनना चाहिए। पढ़े-लिखे लोगों को ही बनना चाहिए लेकिन विरोध कैसे किया जाना चाहिए , यह बिहार में नेता प्रतिपक्ष को सीखना चाहिए। जनादेश का सम्मान इसी में है कि राजनीतिक दल अतीत की गलतियों से उबरें और कुछ ऐसा करें जिससे बिहार का सर्वांगीण विकास हो। विरोध करने का हक उसे ही है जिसका अपना दामन पाक-साफ हो। शीशे के घरों में रहने वाले दूसरों के घर पर पत्थर नहीं फेंका करते, यह बात राजनीतिक दलों को जितनी जल्दी समझ में आ जाएगी, लोकतंत्र की भालाई का उसी क्षण मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

Tags: Education Minister Mevalal ChaudharyEducation Minister Mevalal Chaudhary resigns from his postजद (यू)नीतीश कुमारबिहार के शिक्षामंत्री मेवालाल चौधरीमेवालाललालू प्रसाद यादवशपथग्रहणशिक्षामंत्री मेवालाल चौधरी
Previous Post

एक बार फिर विवादों से घिरे कॉमेडियन कुणाल कामरा, इस ट्वीट पर मचा बवाल

Next Post

सीयूजी नम्बर वाला फोन स्वयं अपने पास रखें अधिकारी : सीएम योगी

Desk

Desk

Related Posts

Bread Upma
खाना-खजाना

इन टुकड़ों से ऐसे बनाएं उपमा, ये है आसान सी रेसिपी

13/11/2025
Alum
Main Slider

फिटकरी से दूर करें जिंदगी की परेशानियां, जानें प्रयोग की विधि

13/11/2025
Lord Vishnu
Main Slider

गुरुवार के दिन करें ये उपाय, दूर होंगी आर्थिक दिक्कतें

13/11/2025
Lord Vishnu
धर्म

गुरुवार को इन उपायों से मिलेगी तरक्की

13/11/2025
Do not do these 4 things at night even by mistake
Main Slider

रात के समय भूल से भी न करें ये काम, जीवन हो जाएगा बर्बाद

13/11/2025
Next Post
सीएम योगी CM Yogi

सीयूजी नम्बर वाला फोन स्वयं अपने पास रखें अधिकारी : सीएम योगी

यह भी पढ़ें

rape

मादक पदार्थ कारोबारी धरा गया, भारी मात्रा में अवैध गांजा बरामद

18/02/2021
Dog Encounter

कुत्तों का एनकाउंटर प्रशासन को पड़ा मंहगा, एक्शन में आई भाजपा सांसद मेनका गांधी

07/01/2023
burnt alive after gangrape

बदायूं गैंगरेप केस: दो आरोपी गिरफ्तार, लापरवाही बरतने के आरोप में SHO निलंबित

06/01/2021
Facebook Twitter Youtube

© 2022 24घंटेऑनलाइन

  • होम
  • राष्ट्रीय
    • उत्तराखंड
    • उत्तर प्रदेश
    • छत्तीसगढ़
    • हरियाणा
    • राजस्थान
  • राजनीति
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • क्राइम
  • मनोरंजन
  • शिक्षा
  • स्वास्थ्य
  • धर्म

© 2022 24घंटेऑनलाइन

Go to mobile version