पितृ पक्ष (Pitru Paksha) की शुरुआत हो चुकी है। साल 2025 में पितृ पक्ष 7 सितंबर से 21 सितंबर तक रहेंगे। इस दौरान पितरों की आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध कर्म किए जाते हैं। पितृ पक्ष में पितरों का तर्पण, पिंडदान और दान-पुण्य करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। पितृ पक्ष 15 दिन तक चलते हैं। इस दौरान एकादशी (Ekadashi) का व्रत भी पड़ता है।
पितृ पक्ष (Pitru Paksha) में पड़ने वाली एकादशी को इंदिरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। इंदिरा एकादशी का व्रत हर साल पितृपक्ष के दौरान आश्विन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी को रखा जाता है।
कब रखा जाएगा इंदिरा एकादशी (Ekadashi) का व्रत
साल 2025 में इंदिरा एकादशी (Ekadashi) का व्रत 17 सितंबर को रखा जाएगा। यह व्रत विशेष रूप से पितरों की आत्मा की शांति और उनके उद्धार के लिए किया जाता है। इंदिरा एकादशी का व्रत पितृ पक्ष में पड़ता है इसलिए इस व्रत को करने से पितृ दोष से मुक्ति मिलती है और घर-परिवार में सुख-समृद्धि आती है। जानते हैं पितृ पक्ष में पड़ने वाली इंदिरा एकादशी व्रत को रखने से क्या लाभ मिलता है।
पितरों की आत्मा को शांति और मोक्ष की प्राप्ति-
इंदिरा एकादशी का व्रत रखने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस व्रत के पुण्य से पितरों को उच्च लोक प्राप्त होता है। यह व्रत को उन लोगों के लिए किया जाता है जिन लोगों की मृत्यु अकाल हुई हो।
पितृ दोष का निवारण-
पितृ दोष से मुक्ति के लिए इंदिरा एकादशी का व्रत जरूर करें। पितृ दोष के कारण लोगों को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। पितृ दोष से परिवार को आर्थिक, पारिवारिक, और स्वास्थ्य संबंधी का सामना करना पड़ सकता है।
पुण्य और मोक्ष की प्राप्ति-
इंदिरा एकादशी का व्रत करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही भगवान विष्णु का आशीर्वाद प्राप्त होता है। साथ ही पापों का नाश होता है और परिवार में सुख-समृद्धि का वास होता है।









