लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ऊर्जा क्षेत्र में बड़े और निर्णायक सुधारों की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi) की अगुवाई में प्रस्तावित बिजली सुधार (पावर रिफॉर्म्स) का उद्देश्य सिर्फ बिजली (Electricity) की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करना नहीं, बल्कि उपभोक्ताओं को पारदर्शी, तकनीक-सक्षम और भरोसेमंद सेवाएं उपलब्ध कराना है। इस पहल से जहां प्रदेश के करोड़ों बिजली उपभोक्ताओं को सुविधा, सुरक्षा और सटीक बिलिंग जैसे लाभ मिलेंगे, वहीं ऊर्जा व्यवस्था का प्रबंधन भी अधिक दक्ष, आधुनिक और जवाबदेह होगा। योगी सरकार का यह रिफॉर्म उपभोक्ताओं को केंद्र में रखकर तैयार किया गया है, जो उन्हें न केवल सेवा की गुणवत्ता की गारंटी देता है, बल्कि बिजली से जुड़ी हर समस्या के समाधान को सरल और तेज बनाता है। यह कदम उत्तर प्रदेश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर, तकनीक-सक्षम और नागरिकोन्मुखी राज्य बनाने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि सिद्ध होगा।
बिजली उपभोक्ताओं (Electricity Consumer) के लिए नए युग की शुरुआत
शुरुआत में पूर्वांचल और दक्षिणांचल डिस्कॉम्स में प्रस्तावित रिफॉर्म्स उपभोक्ताओं को बड़ी राहत देगा। यूपीपीसीएल के अधिकारियों के अनुसार, यह बिजली (Electricity) उपभोक्ताओं के लिए एक नए युग की शुरुआत होगी। इसके माध्यम से घर हो या खेत, व्यवसाय हो या उद्योग सभी जगह चौबीसों घंटे विश्वसनीय बिजली की आपूर्ति सुनिश्चित होगी। स्थायी बिजली आपूर्ति से किसान और ग्रामीण उद्यमी अपनी आय में बढ़ोतरी कर सकेंगे। नए-नए प्रयोग और अनुसंधान होंगे। सरकार पर आर्थिक दबाव कम होगा। सबसे बड़ी बात यह कि बेहतर प्रबंधन होगा।
तकनीकी समाधान से मिलेगा पारदर्शी और सटीक बिल
तकनीकी समाधान से उपभोक्ताओं को पारदर्शी और सटीक बिल सुनिश्चित होगा और गलत बिलिंग पर रोक लग सकेगी। स्मार्ट तकनीक से उपभोक्ताओं को समय पर बिल मिले यह प्राथमिकता के आधार पर तय होगा। यही नहीं, डिजिटल सुविधा का भी विस्तार होगा। ऑनलाइन बिल भुगतान, एसएमएस अलर्ट, मोबाइल एप और ग्राहक सेवा केंद्र से आसान पहुंच मिलेगी। बेहतर शिकायत निवारण तंत्र विकसित होगा। निजी कंपनियों के पास आधुनिक सिस्टम की सुविधा मिलेगी, जिससे उपभोक्ताओं की शिकायतों का त्वरित समाधान हो सकेगा। डिजिटलीकरण से प्रक्रिया पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त बनेगी।
ऊर्जा प्रणाली होगी सुरक्षित और विश्वसनीय
कम वोल्टेज उतार-चढ़ाव से मुक्ति मिलेगी। आधुनिक बुनियादी ढांचे में निवेश से बिजली आपूर्ति अधिक स्थिर और सुरक्षित होगी। तकनीक आधारित निगरानी से बिजली चोरी में भी भारी कमी आएगी। विश्वसनीय बिजली से ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे उद्योगों और कृषि आधारित व्यवसायों को बढ़ावा मिलेगा। बेहतर बिजली व्यवस्था से नए उद्योगों के लिए माहौल बनेगा और रोजगार सृजन को बढ़ावा मिलेगा।