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बिजली हड़ताल की टाँय-टाँय फिस…

Writer D by Writer D
14/03/2023
in उत्तर प्रदेश, लखनऊ
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Electricity Strike

Electricity Strike

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लखनऊ। प्रदेश की राजधानी लखनऊ में लेसा और मुख्यालय मिलाकर हज़ारों की संख्या में विद्युत कर्मी और अधिकारी तैनात हैं। लेकिन अपने नेताओं की हठधर्मिता के चलते सब परेशान हैं। इसीलिए एक के बाद एक कई संगठनों ने अपने को आज से होने वाली हड़ताल (Strike) से दूर कर लिया। इसका दूसरा असर लखनऊ में आज होने वाली मशाल रैली में दिखा।

राजधानी में आज कुछ हठधर्मी नेताओं ने मशाल जुलूस निकालने की तैयारी की थी। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि बहुचर्चित मशाल जुलूस जिसकी तैयारी कई सप्ताह से हो रही थी उसमें गिनती के पचास-साठ लोग ही आये।और जो आये उनमें ज़्यादा लोग रिटायर्ड थे और जो शाम को दिल बहलाने इकट्ठा हुए थे।

मशाल लेकर लोग फ़ील्ड हॉस्टल में ही घूमते रहे। सड़कों पर निकले ही नहीं। वहीं एक आश्चर्यजनक बात यह भी है कि उनमें भी ज्यादा लोग कुछ ही समुदाय या संप्रदाय के थे।   यह बात इस शंका को प्रबल करती है कि यह हड़ताल राजनीति प्रेरित है।

लोगों का ऐसा भी कहना है कि हड़तालिया नेता (Striker Leaders) इसके ज़रिए अपना राजनैतिक क़द बढ़ाने में लगे हैं। न कि कर्मचारियों का हित साधने में। इनमें से तो कई ने विधानसभा चुनावों में सरकार की विरोधी पार्टियों के पक्ष में प्रचार भी किया था।

विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल से संविदा कर्मी हुए अलग, इस संगठन ने भी किया किनारा

विद्युत कर्मियों को दरअसल ऐसे नेताओं से सावधान रहना चाहिए, जो अपने स्वार्थ के लिए उनका उपयोग कर रहे हैं और साथ ही राज्य की जनता को परेशान कर रहे हैं।

बताते चलें कि विद्युत संविदा कर्मचारी महासंघ, विद्युत मजदूर पंचायत और ऑफिसर्स एसोसिएशन का हड़ताल (Strike) से पहले ही पल्ला झाड़ लिया था। इसके बाद भी अपनी कर्मचारियों का हित छोड़ अपनी राजनीति चमकाने में लगे नेताओं ने मशाल जुलूस निकालने की तैयारी की। तैयारी में कोई कमी नहीं थी, मगर समस्या इस बात की थी, कि पहले ही कुछ संगठनों को आभास हो गया था इनकी मंशा का।

सुना है ऊर्जा मंत्री ने बिजली हड़तालियों को झाड़ा…

ऐसा न होता तो राजधानी में हजारों की संख्या में काम करने वाले विद्युतकर्मियों में से सिर्फ 50-60 ही मैदान में न दिखते। और उनमें ज्यादातर सेवानिवृत कर्मचारी रहे।

Tags: electricity strikesLucknow NewsStrikeuppcl
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