भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व विकेटकीपर फारुख इंजीनियर ने हाल ही में इंग्लैंड और वहां के खिलाड़ियों को लेकर एक बड़ा बयान दी है। जो इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल उन्होंने बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की वजह इंग्लैंड के खिलाड़ियों में बदलाव आया है। अब वे भारतीयों के बारे में कुछ भी कहने से पहले दो बार सोचते हैं। इतना ही नहीं फारुख ने ये भी खुलासा किया कि इंग्लैंड में काउंटी क्रिकेट खेलने के दौरान उन्हें नस्लवाद का सामना करना पड़ा था। बता दे फारुख इंजीनियर इंग्लैंड में बस चुके हैं। उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में नस्लवाद को लेकर अपने अनुभव साझा किए। फारुख ने बताया कि जब मैं पहली बार काउंटी क्रिकेट खेलने यहां आया तो लोग अलग नजर से मुझे देखते थे कि ये भारत से आया है। मैंने एक-दो बार नस्लीय टिप्पणियों का सामना किया था। मुझे सिर्फ इसलिए निशाना बनाया जाता था कि मैं भारत से आया था और मेरे बोलने के लहजा अलग था।
फारुख इंजीनियर ने आगे कहा कि मुझे लगता है कि मेरी अंग्रेजी वास्तव में अधिकांश अंग्रेजों से बेहतर है। इसलिए जल्द ही उन्हें अहसास हुआ कि आप फारुख इंजीनियर के साथ खिलवाड़ नहीं कर सकते हैं। उन्हें मैसेज मिल गया था। मैंने अपने बल्ले और विकेटकीपिंग से खुद को साबित किया। मुझे गर्व था कि मैंने भारत के एक नुमाइंदे के तौर पर खुद को रखा और देश की साख बढ़ाने का काम किया।
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आगे उन्होंने कहा कि इंग्लैंड के पूर्व कप्तान जेफ्री बायकॉट ने कॉमेंट्री के दौरान ‘ब्लडी इंडियंस’ जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया था। हालांकि, आईपीएल आने के बाद से हालात बदल चुके हैं और अब इंग्लिश खिलाड़ी ऐसा करने की हिमाकत नहीं करते। उन्होंने आगे कहा कि जब से आईपीएल शुरू हुआ है, इंग्लैंड के खिलाड़ी हमारे तलवे चाट रहे हैं। आगे फारुख इंजीनियर ने कहा कि मुझे हैरानी होती है कि सिर्फ पैसे की वजह से वे अब बदल गए हैं। लेकिन मेरे जैसे लोग जानते हैं कि शुरू में उनका रंग कैसा था। अब उन्होंने पैसों के चक्कर में अपना रवैया पूरी तरह बदल लिया है।