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अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने हमारी साक्षरता दर को कम किया : मुकुल कानिटिकर

मुकुल कानिटिकर Mukul Kanitikar

मुकुल कानिटिकर

लखनऊ। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय लखनऊ में शुक्रवार को कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में आयोजित एक कार्यक्रम में राष्ट्रीय शिक्षण मंडल के राष्ट्रीय संगठन मंत्री, मुकुल कानिटिकर बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित रहे।

इस अवसर पर मुकुल कानिटिकर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओँ को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की सम्पूर्ण प्रतिभा का विकास अपनी भाषा में ही संभव है। उन्होंने बताया कि भारतीय शिक्षण मंडल की एक बैठक मानव संसाधन मंत्रालय के साथ हुयी है, जिसमें यह निर्णय हुआ है कि आगामी सत्र से आईआईटी में नवप्रवेशित विद्यार्थियों को कम से कम एक सेक्शन भारतीय भाषाओँ में पढ़ाया जायेगा।

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उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति को तभी को सरकार लागू कर पाएगी जब शिक्षक इससे जुड़ेंगे। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था ने हमारी साक्षरता दर को कम किया है। उन्होंने बताया कि सन 1299 में नालंदा विश्वविद्यालय जलाया गया था। इस घटना के लगभग छह शताब्दी के बाद 1823 में अंग्रेजी सरकार ने सर्वे कर रिपोर्ट तैयार की तो दक्षिण भारत की साक्षरता दर सौ प्रतिशत थी। साथ ही उस समय सबसे कम साक्षरता दर वाला प्रान्त पंजाब था और उस समय पंजाब की साक्षरता दर 93 प्रतिशत थी। सन 1947 में जब देश आजाद हुआ तो हमारी साक्षरता दर सिर्फ 18 प्रतिशत रह गयी थी। उन्होंने कहा कि भारतीय शिक्षण मंडल में शासनमुक्त शिक्षा प्रणाली की अवधारणा को मूर्तरूप देने के लिए कार्य कर रहा है।

उन्होंने बताया कि 15, 16 एवं 17 मार्च को भारतीय शिक्षण मंडल द्वारा भोपाल में एड्यू-विजन अकादमिक प्रदर्शनी का आयोजन किया जा रहा है। इसमें देश के विभिन्न विश्वविद्यालयों के 500 से अधिक कुलपति, भाभा एटोमिक सेंटर, डीआरडीओ, इसरो, एआईसीटीई, एनबीए और शिक्षा से जुड़े हुए मंत्री कार्यक्रम में प्रतिभाग करेंगे। उन्होंने कहा कि एड्यू-विजन अकादमिक प्रदर्शनी के प्रचार के लिए वह लखनऊ प्रवास पर आये हैं।

कार्यक्रम में प्रो.मनोज दीक्षित, पूर्व कुलपति अवध विश्वविद्यालय, प्रो.अनिल शुक्ला, पूर्व कुलपति, बरेली विश्वविद्यालय, प्रो. विनीत कंसल प्रतिकुलपति, एकेटीयू, प्रो. एचके पालीवाल, निदेशक, आईईटी, लखनऊ, प्रो. शीला मिश्रा लखनऊ विश्वविद्यालय, प्रो. चंदना डे, केएमसी भाषा विश्वविद्यालय एवं अन्य शिक्षक उपस्थित रहे। कार्यक्रम विधिवत सम्पन्न हो गया।

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