लखनऊ। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के लिए जासूसी करने वाले पूर्व सैनिक सौरभ शर्मा को छानबीन के लिए मेरठ लेकर गयी एटीएस की टीम को निराशा हाथ लगी है। सौरभ शर्मा को मेरठ के जिस मॉल में आईएसआई के हैंडलर द्वारा पैसा दिया गया था, उसका सीसीटीवी फुटेज एटीएस हासिल नहीं कर सकी है, जिससे अब यह पता लगाना मुश्किल हो गया है कि सौरभ शर्मा को रूपयों से भरा लिफाफा देने वाला शख्स कौन था।
वहीं दूसरी ओर एटीएस ने सौरभ शर्मा की तरह आईएसआई के जाल में फंसे कुछ अन्य लोगों को हिरासत में लिया है और उनसे गहनता से पूछताछ की जा रही है। एटीएस के अधिकारियों के मुताबिक जल्द ही इस मामले में कुछ अन्य अहम खुलासे हो सकते हैं। इसके अलावा सौरभ शर्मा की पत्नी के बैंक खाते में रकम भेजने वाले गुजरात निवासी अनस गितैली को सोमवार को पुलिस कस्टडी रिमांड पर नहीं लिया जा सका है। एटीएस ने इसके लिए अदालत में प्रार्थना पत्र दिया है जिस पर मंगलवार को फैसला होने की उम्मीद है।
मन्नान के दस्तावेजों की पड़ताल कर रही है एटीएस
वहीं दूसरी ओर रोहिंग्या नागरिक अजीजुल हक के दस्तावेज बनवाने वाले खलीलाबाद नगर पालिका के संविदा कर्मचारी अब्दुल मन्नान को भी पुलिस कस्टडी रिमांड पर नहीं लिया जा सका है। उसे रिमांड पर एटीएस के सुपुर्द करने को लेकर अदालत मंगलवार को निर्णय ले सकती है। एटीएस की टीम जल्द ही राजधानी स्थित रीजनल पासपोर्ट ऑफिस जाकर छानबीन करने की तैयारी में है।
एसटीएफ ने दबोचा इनामिया बदमाश, पुलिस को चकमा देकर साथी फरार
ध्यान रहे कि अजीजुल का रीजनल पासपोर्ट ऑफिस से दो बार पासपोर्ट जारी हुआ था। यह पासपोर्ट उसने अपने भारतीय नाम अजीजुल्लाह के नाम से बनवाया था। पासपोर्ट ऑफिस में उसके द्वारा जमा कराए गये दस्तावेज असली थे, जिसे उसने अब्दुल मन्नान की मदद से बनवाया था।
अब एटीएस यह भी पता लगाने का प्रयास कर रही है कि आखिर अब्दुल मन्नान ने किस तरह रोहिंग्या नागरिक का भारतीय नागरिकता साबित करने के लिए सरकारी दस्तावेज बनवाए थे। आधार कार्ड, पैन कार्ड, राशन कार्ड की मदद से उसने कई बैंकों में अपना खाता खोला जिसमें देश-विदेश से टेरर फंडिंग के लिए रकम आती थी।