उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि बिजली के बिल में अनियमितता की शिकायतों की जांच एसटीएफ से करायी जायेगी।
ऊर्जा मंत्री ने सोमवार को यहां गोमतीनगर स्थित मंत्री आवास बिजलीघर के औचक निरीक्षण के दौरान गलत बिलिंग की शिकायतों और 100 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग न होने पर नाराजगी जताते हुए बिलिंग एजेंसी के खिलाफ एफआईआर की कार्रवाई के निर्देश भी दिए।
उन्होंने कहा कि ऊर्जा विभाग मे उपभोक्ता के हितों से खिलवाड़ करने वालों से किसी भी प्रकार की सहानुभूति नहीं हो सकती है। जुलाई 2018 में बिलिंग एजेंसियों से हुए अनुबंध के तहत उन्हें आठ माह में शहरी और 12 माह में ग्रामीण क्षेत्रों में 97 फीसदी डाउनलोडेबल बिलिंग सुनिश्चित करना था। दो साल बाद आज भी यह 10 फीसदी से कम है। इसके चलते लगातार गलत बिलिंग की शिकायतें उपभोक्ताओं के माध्यम से आ रही हैं। इस पूरे मामले में घोर अनियमितता और भ्रष्टाचार हुआ है।
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श्री शर्मा ने कहा कि मुख्यमंत्री से उपभोक्ता हित में इसकी एसटीएफ से जांच कराए जाने का अनुरोध भी किया है। जिससे उपभोक्ताओं के हितों से खिलवाड़ करने वालों के खिलाफ कड़ी कारवाई की जा सके। उपभोक्ताओं का उत्पीड़न किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है।
उन्होने कहा कि आज उपभोक्ता बिल देना चाहता है, लेकिन उसे समय पर सही बिल मिले तभी यह संभव होगा। सही बिल समय पर मिलेगा तो ही विभाग का 90 हजार करोड़ का घाटा काम होगा और सस्ती बिजली का सरकार का संकल्प भी आसानी से पूरा होगा। उन्होंने कहा कि अधिकारी 31 मार्च तक यह सुनिश्चित करें कि हर उपभोक्ता को डाउनलोडेबल बिल मिले। एमडी अपने स्तर से भी इसे सुनिश्चित कराएं।
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ऊर्जा मंत्री ने बिलिंग एजेंसियों को किए गए भुगतान की भी ऑडिट कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बिजलीघर के निरीक्षण में कमियों पर एमडी समेत अधिकारियों से जवाब तलब भी किया। साथ ही उन्हें समय से दूर करने के निर्देश भी दिए। साथ ही गर्मियों को लेकर भी अभी से सभी तैयारियों को समय से पूरा करने को भी कहा।