चैत्र माह की प्रतिपदा तिथि के साथ चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) का प्रारंभ शुरू हो जाएगा। चैत्र नवरात्रि (Chaitra Navratri) दो अप्रैल से प्रारंभ होकर 10 अप्रैल को रामनवमी के साथ संपन्न होगी।
इस बार नवरात्र पूरे 9 दिनों के हैं। नवरात्र के 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 रूपों की पूजा की जाती है। ऐसा करने से सुख-समृद्धि का वास होता है।
पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री के मुताबिक इस बार चैत नवरात्रि में शुभ योग बन रहा है। 2 अप्रैल शनिवार को सूर्योदय के बाद कलश स्थापना और ध्वज स्थापना के साथ मां भगवती की आराधना प्रारंभ हो जाएगी। पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा के साथ नवरात्रि की शुरुआत होगी।
ज्योतिष गणना के अनुसार एक अप्रैल रात्रि से प्रतिपदा लग रही है, जो शनिवार 2 अप्रैल दोपहर तक रहेगी। दो अप्रैल शनिवार को नवरात्र के प्रथम दिन मां भगवती की पूजा, कलश स्थापना और ध्वज स्थापना शुभ मुहूर्त सूर्य उदय से लेकर सुबह 11.50 तक किया जाएगा। कलश स्थापना और पूजा के दौरान स्वर्ण, चांदी, अन्य धातु की प्रतिमा या मिट्टी की प्रतिमा की पूजा करने का विशेष महत्व है।
शास्त्रों के मुताबिक चैत्र नवरात्रि के दौरान कलश (Kalash) स्थापना का विशेष महत्व है। घर में चौड़े मुंह के पीतल, तांबा या मिट्टी के कलश की स्थापना करनी चाहिए। इसके पश्चात विधि पूर्वक मां भगवती की आराधना करनी चाहिए।