मुरादाबाद। कोरोना संक्रमण काल में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालयों में छात्राओं की उपस्थिति के बिना ही 39 लाख रुपये उनके भोजन और नहाने-धोने पर खर्च कर दिए गए। मामला संज्ञान में आने के बाद शासन के निर्देश पर जांच शुरू हो गई है। वहीं, बिजनौर जनपद में करीब 68 लाख रुपये का घपला हुआ है। एडी बेसिक का कहना है कि स्थलीय निरीक्षण कर मामले की जांच की जाएगी।
25 हजार कुपोषित बच्चे स्वास्थ्य विभाग के लिए सबसे बड़ी चिंता
प्रेरणा पोर्टल पर अपलोड होने वाली सूचनाओं में यह मामला सामने आया है कि कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में छात्राओं के लिए भोजन, साबुन, शैंपू, दवाएं व अन्य जरूरी सामान खरीदने के लिए करीब 39 लाख रुपये खर्च किए गए हैं, जबकि छात्राओं की उपस्थिति शून्य रही। मुरादाबाद जनपद में नौ कस्तूरबा गांधी आवासी विद्यालय हैं। इनमें छह से आठ तक की कक्षाओं में नौ सौ छात्राओं का पंजीकरण है। इस संबंध में एडी बेसिक संजय रस्तोगी का कहना है कि बिजनौर जनपद में नौ विद्यालय संचालित हैं। वहां पर बुधवार को स्थलीय निरीक्षण कर जांच की जाएगी। इसके बाद मुरादाबाद के स्कूलों में स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। इसमें यह देखना है कि जो सामान खरीदा है, वह स्कूल में उपलब्ध है या नहीं। उन्होंने छात्राओं का ब्योरा आनलाइन क्यों दर्ज नहीं किया। इसके अलावा छात्राओं के फोन नंबर लेकर उनसे भी पूछताछ की जाएगी कि वह स्कूलों में कितने दिन रहे और खाना खाया। स्कूलों में स्टेशनरी और कंटीजेंसी (साबुन, तेल आदि) उपलब्ध है या नहीं। खरीदारी जैम पोर्टल से हुई है या स्थानीय स्तर पर इसकी भी जांच की जाएगी।
यूपी ने पूरे किए 5 करोड़ कोविड टेस्ट, रिकवरी रेट पहुंचा 97.1 फीसदी
प्रधानाचार्य बोलीं : नहीं थी ब्योरा भेजने की जानकारी
कस्तूरबा गांधी आवासी विद्यालय मुरादाबाद की प्रधानाचार्य पूर्णिमा पाल ने बताया कि 11 फरवरी से 24 मार्च तक सौ में से 66 छात्राएं उपस्थित थीं। हमारे विद्यालय में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस व अन्य कार्यक्रम हुए हैं। उसके फोटो भी हैं। सभी शिक्षकों की प्रेरणा पोर्टल पर उपस्थिति भी दर्ज की है, लेकिन छात्राओं का ब्योरा भी भेजना है, इसकी हमें जानकारी नहीं थी। फरवरी और मार्च माह में दो बार करीब सवा चार लाख रुपये की खरीद हुई है, जिसमें राशन, स्टेशनरी, कंटीजेंसी और कोविड-19 के प्रोटोकॉल संबंधी सामान था।
जिले में मिले ब्लैक फंगस के आठ नए केस, स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय कुंदरकी की प्रधानाचार्य राखी धस्माना ने बताया कि करीब चार लाख रुपये की खरीद हुई है। 66 छात्राएं उपस्थित रही थीं। पिछले साल जानकारी दे रहे थे। सीसीटीवी कैमरे भी लगे हैं और प्रतिदिन के फोटो भी लगे हैं। जांच की जा सकती है। प्रतिदिन की रिपोर्ट बीएसए कार्यालय जाती है। हमने सभी छात्राओं का एंटीजन टेस्ट भी कराया है। कई जिलों में छात्राएं उपस्थिति नहीं थीं, उसकी वजह से यह समस्या है।
दूध की कीमत को लेकर हुआ विवाद, शाम में फायरिंग से मचा हड़कंप
दस फरवरी से 24 मार्च तक कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में कक्षाओं का संचालन हुआ था। नौ विद्यालयों में छात्राओं की करीब 55 फीसदी उपस्थिति रही थी। सभी खरीद जैम पोर्टल से हुई है। तकनीकी समस्या की वजह से पोर्टल पर छात्राओं का ब्यौरा दर्ज नहीं हो सका था। हमारे पास छात्राओं की उपस्थिति के फोटो और शेष सामान है। यदि जांच अधिकारी आते हैं तो उन्हें पूरी जानकारी दी जाएगी। कितनी धनराशि से खरीद हुई है, इसकी जानकारी नहीं है।