मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हम “मुख्यमंत्री भू-अधिकार” योजना बना रहे हैं। एक घर में अगर कई परिवार रह रहे हैं तो हर परिवार को भूखंड देकर जमीन के टुकड़े का मालिक बनाएंगे और बाद में उसी जमीन पर मकान बनाने का अभियान भी चलाएंगे। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत झिरन्या ब्लॉक में 6 हजार मकान बनाए जा रहे हैं। जिनके नाम छूट गए हैं उनका फिर से सर्वे करवाकर उन्हें योजना का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री चौहान सोमवार को खरगौन जिले के झिरन्या में “जनकल्याण और सुराज अभियान” के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में उन्होंने संबल योजना के हितग्राहियों और भवन सन्निर्माण श्रमिकों के खातों में 321 करोड़ रुपये की राशि सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर की। इस दौरान उन्होंने 321.8 करोड़ रुपये की लागत के 29 विद्युत उपकेंद्रों का भूमिपूजन व लोकार्पण किया।
मुख्यमंत्री चौहान ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मध्यप्रदेश में कोरोना वायरस नियंत्रित है। अब प्रदेश में प्रतिदिन छह से आठ केस आ रहे हैं, लेकिन हमें अभी भी सावधान रहना है। टीकाकरण करवाकर अपनी और अपनों की जिंदगी सुरक्षित कर लेना है। उन्होंने इस दौरान क्षेत्र के विकास के लिए कई घोषणाएं कीं।
उन्होंने कहा कि झिरन्या के खेतों में सिंचाई का पानी मैं लेकर आऊंगा। झिरन्या उद्वहन सिंचाई परियोजना के क्रियान्वयन में 1,400 करोड़ रुपये लगेंगे। मुझे उधार भी लेना पड़ा तो लूंगा लेकिन मैं यहाँ पानी ज़रूर लाऊंगा। खंडवा-खरगोन इलाके को बिजली का हब बनाएंगे और समस्या दूर करेंगे। उन्होंने कहा कि आपको जो हम बिजली देते हैं, उसमें सरकार द्वारा सब्सिडी हेतु 21,000 करोड़ रुपये खर्च होते हैं। हम सूरज से भी बिजली बना रहे हैं।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि हम मुख्यमंत्री भू-अधिकार योजना बना रहे हैं। इसमें सभी गरीबों को रहने के लिए जमीन दी जाएगी। बिना मकान के किसी गरीब को नहीं रहने दूंगा। हम संबल योजना में गर्भवती बहनों को 16 हजार रुपये और आकस्मिक निधन पर 4 लाख तथा सामान्य मृत्यु पर 2 लाख सहायता राशि देते थे, कांग्रेस ने योजना को ही बंद कर दिया था।
उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार बनते ही मैंने पुन: प्रारंभ किया और आज 321 करोड़ रुपया हितग्राहियों के खाते में जमा किया। मेरी स्वसहायता समूहों की बहनों के आर्थिक और सामाजिक सशक्तिकरण के लिए हम लगातार काम कर रहे हैं। इनके उत्पादों की मार्केटिंग और ब्रांडिंग हमारी सरकार कर रही है।
उन्होंने कहा कि मेरी स्वसहायता समूह की बहनें घर का काम करते हुए दस हजार रुपया महीना कमायें, इसके लिए मैं संकल्पित हूं। हमारी बहनें आर्थिक रूप से सशक्त होंगी, तो मध्यप्रदेश समृद्ध होगा। हमने तय किया है कि स्कूल की ड्रेस बनाने का काम अब ठेकेदार को नहीं बल्कि स्व-सहायता समूह की बहनों को मिलेगा।
उन्होंने कहा कि जनजाति भाई-बहनों को सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार देने का फैसला किया है। वनौषधियों को भी समर्थन मूल्य पर खरीदेंगे, ताकि हमारे जनजातीय भाई-बहनों के खाते में अधिक पैसा जाये। जनजातीय भाई-बहनों के कल्याण के लिए पेसा ऐक्ट चरणबद्ध तरीके से मध्यप्रदेश में लागू किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 89 आदिवासी ब्लॉक में 15 नवंबर से घर-घर राशन पहुंचाने का कार्य किया जाएगा, ताकि राशन बाहर लेने नहीं जाना पड़े। उन्होंने कहा कि सिकलसेल अनीमिया बीमारी का इलाज फ्री में किया जाएगा। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा।