विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) के प्रांत संगठन मंत्री प्रदीप पाण्डेय ने रविवार को कहा कि अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर सरकारी सहायता से नहीं बल्कि हिन्दू समाज के लोगों के पैसे से बनेगा।
श्रीराम जन्मभूमि मन्दिर निर्माण निधि समर्पण अभियान के सदस्यों के कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये श्री पाण्डेय ने कहा कि अयोध्या में श्री राम मंदिर के मामले में जो कोर्ट ने निर्णय दिया वह भारत की प्राचीन संस्कृति के पक्ष का निर्णय है। श्री राम मंदिर निर्माण समिति ने यह तय किया था कि मंदिर सरकार के पैसे से नहीं बल्कि हिंदू समाज के पैसे से बनेगा। इसी क्रम में श्री राम मंदिर निर्माण समिति अपने सभी सहयोगी संगठनों के साथ मिलकर अधिक से अधिक लोगो से सम्पर्क कर मंदिर के निर्माण के लिये समर्पण राशि एकत्रित करेगी।
श्री पाण्डेय ने कहा कि 492 वर्षों के लंबे संघर्ष के बाद भगवान श्री राम मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त हुआ है। हमारा सौभाग्य है कि भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण में वर्तमान पीढ़ी को अपनी सहभागिता निभाने का मौका मिल रहा है। आने वाले वर्षों में हमें यह कहते हुए गौरव का अनुभव होगा कि भव्य श्री राम मंदिर का निर्माण हमारे सामने और सहभागिता से हुआ है।
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उन्होंने कहा कि गौरव की बात है कि मंदिर निर्माण में विश्वविख्यात सेंड स्टोन का उपयोग हो रहा है। जिस प्रकार मुक्ति आंदोलन में भारत के प्रत्येक जन-जन की भावना भगवान श्री राम एवं उसके आस्था केंद्र से जुड़ी हुई थी। उसी प्रकार इसके निर्माण का दायित्व भी प्रत्येक हिंदू का है। इसलिए सब लोग मिलकर इसके निर्माण में अपनी सहभागिता निभाएं तथा जन-जन के आदर्श भगवान श्री राम के मंदिर के निर्माण में प्रत्येक हिंदू घर से धन संग्रह हो। प्रत्येक व्यक्ति से सामर्थ्य अनुसार ही धनराशि लेने की योजना है।
विहिप पदाधिकारी ने कहा कि समिति का निर्माण न्याय पंचायत स्तर तक हो चुका है इसलिये 15 जनवरी से 15 फरवरी तक चलने वाले इस अभियान में गांव-गांव, ढाणी- ढाणी कार्यकर्ता धन संग्रह के लिए टोली बना कर जाएं। पूरे भाव के साथ विषय को समझाकर हिंदू आस्था के प्रतीक श्री राम मंदिर के निर्माण में अधिक से अधिक धन संग्रह की योजना बनायी जाये। समर्पण राशि को जुटाने के लिए 10,100 और 1000 रुपए के कूपन बनाए गये हैं| वहीं 20000 से ऊपर दान करने पर रसीद दी जाएगी| यह राशि नियमों के तहत चेक द्वारा ही ली जाएगी|