इलाहाबाद विश्वविद्यालय में एक असिस्टेंट प्रोफेसर की पूर्व प्रेमिका 15 साल बाद अचानक विश्वविद्यालय पहुंच गई और जमकर हंगामा किया। इसका वीडियो भी वायरल हुआ है। पूर्व प्रेमिका का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर ने उससे शादी की थी और बाद में उसे छोडकर दूसरी शादी रचा ली।
वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि उन्होंने 15 साल पहले महिला के दबाव में आकर उससे विवाह किया था, लेकिन वह पहले से शादीशुदा थी। विवाह अवैध था। बाद में असिस्टेंट प्रोफेसर ने न्यायालय की शरण ली, जहां उनके विवाह को शून्य घोषित कर दिया गया।
महिला बिहार के कटिहार जिले की रहने वाली है। वर्ष 2000 में वह जेएनयू से बीए कर रही थी और असिस्टेंट प्रोफेसर उस वक्त जेएनयू में ही परास्नातक के छात्र थे। दोनों के बीच प्रेम हुआ और वे एक-दूसरे के काफी करीब आ गए। कुछ दिनों बाद महिला गर्भवती हो गई।
बृहस्पतिवार को महिला असिस्टेंट प्रोफेसर से मिलने संबंधित विभाग में पहुंची, लेकिन असिस्टेंट प्रोफेसर शहर से बाहर थे। महिला ने पहले विश्वविद्यालय परिसर और इसके बाद हॉलैड हॉल हॉस्टल के पास हंगामा शुरू कर दिया। महिला ने आरोप लगाया कि असिस्टेंट प्रोफेसर से उसका विवाह हुआ था और दोनों का एक बेटा भी है। महिला ने यह आरोप भी लगाया कि असिस्टेंट प्रोफेसर ने कुछ छात्राओं का यौन शोषण किया है।
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वहीं, असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि वर्ष 2020 में जब महिला से उनकी मुलाकात हुई थी, उस वक्त वह शादीशुदा थी। उसका विवाह बिहार के हाजीपुर जिले में हुआ था। उस वक्त महिला जेएनयू से रशियन भाषा में बीए कर रही थी। दोनों के बीच मुलाकात होने पर महिला ने बताया था कि उसका पति उसे प्रताड़ित करता है। दोनों ही अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते थे, सो सहानुभूतिवश महिला से नजदीकी बढ़ी और वह गर्भवती हो गई। उसने शादी का दबाव बनाया लेकिन वह पहले से शादीशुदा थी, सो विवाह नहीं हो सकता था।
बकौल असिस्टेंट प्रोफेसर उन्होंने शादी से इनकार किया तो महिला ने ब्लैक मेल करना शुरू कर दिया। महिला के शादीशुदा होने के कारण हिंदू रीति-रिवाज से विवाह करना संभव नहीं था और कोर्ट मैरिज भी नहीं हो सकती थी, सो दोनों ने एक बौद्ध मंदिर में विवाह किया।
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असिस्टेंट प्रोफेसर का दावा है कि उन्होंने विवाह को शून्य घोषित किए जाने के लिए न्यायालय में गुहार लगाई थी और वह मुकदमा जीत गए थे। बाद में उन्होंने दिल्ली में शादी कर ली थी। महिला से 15 साल से उनकी मुलाकात नहीं हुई है। असिस्टेंट प्रोफेसर का कहना है कि विभाग के ही कुछ शिक्षक महिला को बुलाकर लाए हैं। वे मेरे एकेडमिक कॅरियर को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और इसके पीछे उन्हीं की साजिश है।