उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य के सभी मंडलों में एक-एक फैसिलिटेशन काउंसिल की स्थापना किये जाने का निर्णय लिया है।
अपर मुख्य सचिव, सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम डाॅ0 नवनीत सहगल ने मंगलवार को यहां यह जानकारी दी। उन्हाेंने बताया कि सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम इकाइयों के लम्बित भुगतान के कारण कार्यशील पूंजी में आने वाली समस्याओं के प्रभावी निराकरण के लिये प्रत्येक मण्डल में एक फैसिलिटेशन काउंसिल की स्थापना का निर्णय लिया है।
उन्होंने बताया कि इसके क्रियान्वयन के लिये मण्डलायुक्त की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय फैसिलिटेशन काउंसिल का गठन किया गया है। उन्होंने बताया कि उद्यमियों की समस्याओं को देखते हुए राज्य सरकार ने सभी मण्डलों में फैसिलिटेशन काउंसिल के स्थापना का निर्णय लिया है।
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उन्होंने बताया कि काउंसिल के स्वरूप, शक्तियां, कार्य प्रक्रिया आदि का निर्धारण करते हुए इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। राज्य सरकार द्वारा उद्योगों को सभी प्रकार की सुविधा हर स्तर पर देने के प्रयास किये जा रहे हैं। इसी क्रम में प्रत्येक मण्डल पर फैसिलिटेशन काउंसिल के गठन का फैसला लिया गया है।
डाॅ0 सहगल ने बताया कि काउंसिल में इण्डियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन एवं लघु उद्योग भारती द्वारा नामित प्रतिनिधि तथा मण्डल मुख्यालय के लीड बैंक मैनेजर को सदस्य नामित किया गया है। मण्डल के संयुक्त आयुक्त, उद्योग काउंसिल के सदस्य-सचिव होंगे। उन्होंने बताया कि फैसिलिटेशन काउंसिल को यथा संशोधित ‘‘सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 (केन्द्रीय अधिनियम संख्या-27 सन् 2006)’’ की धारा 21 की उप-धारा 3 की सभी शक्तियां प्राप्त होंगी। सभी मण्डलीय फैसिलिटेशन काउंसिल केन्द्रीय अधिनियम के अंतर्गत दी गई प्रक्रिया के अधीन कार्य करेंगे।
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उन्होंने बताया कि राज्य स्तरीय फैसिलिटेशन काउंसिल तथा मण्डल स्तरीय फैसिलिटेशन काउंसिल द्वारा दिये गये निर्णयोें के विरूद्ध को भी संस्था अपील दायर करती है । अपील के तहत फैसिलिटेशन काउंसिल के आदेश पर स्थगन प्राप्त नहीं हुआ है, तो ऐसी स्थिति में काउंसिल जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से भू-राजस्व के बकाये की वसूली के लिए वसूली-प्रमाण पत्र जारी कर सकेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक संयुक्त आयुक्त उद्योग कार्यालय में इस संबंध में एक रजिस्टर रखा जायेगा। इसमें प्रत्येक फैसिलिटेशन काउंसिल को प्राप्त होने वाले सभी प्रार्थना पत्रों को दर्ज किया जायेगा। प्रार्थना-पत्र प्राप्त होने पर दोनो पक्षों को सुनवाई के लिए मण्डलायुक्त द्वारा तिथि निर्धारित की जायेगी।
डॉ सहगल ले बताया कि दोनों पक्षों की सुनवाई के पश्चात अधिनियम में दी गई प्रक्रिया का पालन करते हुए अंतिम निर्णय लिया जायेगा।
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अपर मुख्य सचिव ने बताया कि एम0एस0एम0ई0 इकाइयों के प्रतिनिधि संस्थाओं द्वारा भुगतान संबंधी समस्याओं के समय से निराकरण के लिये मण्डल स्तर पर फैसिलिटेशन काउंसिल की स्थापना किये जाने की मांग की जा रही है।