नए तीन कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान के बीच कोई समाधान न निकलने से क्षुब्ध एक किसान ने आज टिकरी बॉर्डर पर जहरीला पदार्थ खाकर अपनी जान देने की कोशिश की।
जहरीला पदार्थ खाने से पहले किसान ने एक पत्र भी लिखा, जिसमें उसने इस मसले को सुलझाने का तरीका भी बताया है। किसान की पहचान हरियाणा के रोहतक निवासी जयभगवान राणा के रूप में हुई, जिसे तुरंत दिल्ली के संजय गांधी अस्पताल ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि किसान की हालत गंभीर है।
टिकरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन के लिए बनाए गए मंच के पास किसान जयभगवान राणा ने जहरीला पदार्थ खाया। इसकी जानकारी मिलते ही वहां मौजूद अन्य किसान उसे एंबुलेंस के जरिये अस्पताल ले गए। फिलहाल उसे संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि जयभगवान की हालत गंभीर हुई है, लेकिन डॉक्टर अभी उसकी हालत को लेकर कोई पुष्टि नहीं कर रहे हैं।
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जयभगवान के पास से एक पत्र भी मिला है, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘मैं एक छोटा सा किसान हूं। मेरा नाम जयभगवान राणा हैं। सरकार ने किसानों को लाभ पहुंचाने के लिए नियम बनाए। किसान कानूनों के विरुद्ध सड़कों पर आंदोलन कर रहा है। सरकार बोलती है कि ये दो-चार राज्यों के किसानों का विरोध है और किसान बोलते हैं कि ये पूरे देश के किसानों का आंदोलन है। ये आंदोलन न रहकर मुद्दों की लड़ाई बन गया है। न किसान मानने को तैयार न सरकार मानने को तैयार। तरीका मैं बताता हूं। किसान और सरकार दोनों इस पर विचार करना और इच्छाशक्ति दिखाना।
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जयभगवान ने अपने पत्र में तरीका बताते हुए लिखा कि ‘इस देश में जितने भी प्रदेश और केंद्र शासित प्रदेश हैं, सभी से दो-दो किसान नेताओं को दिल्ली बुलाओ और सरकार के साथ मीडिया के सामने सभी किसान नेताओं से पूछों कि वो कृषि कानूनों के पक्ष में हैं या खिलाफ हैं. यदि कानूनों के पक्ष में ज्यादा राज्य हैं तो किसानों से प्रार्थना है वो आंदोलन को खत्म करें. यदि कानूनों के खिलाफ ज्यादा राज्य हैं तो सरकार कानूनों को वापस ले’.