मेरठ। उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले की मवाना तहसील में वन विभाग पर फसल बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए परेशान एक किसान ने शुक्रवार को एसडीएम कार्यालय के बाहर आत्मदाह (Self-Immolation) का प्रयास किया।
अलीपुर मोरना निवासी किसान जगबीर (55) को लगभग 70 प्रतिशत से अधिक जलने के कारण तुरंत जिला अस्पताल रेफर किया गया, जहां उसकी हालत फिलहाल गंभीर बनी हुई है। स्थानीय ग्रामीणों का दावा है कि अवैध कब्जे से निपटने की आड़ में उसकी खड़ी फसल को बेरहमी से नष्ट कर दिया गया। जब वह अपनी शिकायतें लेकर तहसील कार्यालय पहुंचा, तो अधिकारियों ने कथित तौर पर उससे मिलने या उसकी परेशानी का समाधान करने से इनकार कर दिया।
सीएचसी पर तैनात डॉ. अनिल शर्मा ने बताया कि किसान 70 प्रतिशत तक जल गया था और उसे उन्नत चिकित्सा देखभाल के लिए मेरठ स्थानांतरित कर दिया गया है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार, हस्तिनापुर पुलिस स्टेशन के अधिकार क्षेत्र में अलीपुर मोरना गांव से सटे कृष्णा वन ब्लॉक में लगभग तीन हेक्टेयर भूमि पर ग्रामीणों ने कई वर्षों से अवैध कब्जा कर रखा था। मेरठ डीएफओ राजेश कुमार के निर्देश पर कार्रवाई करते हुए वन विभाग ने गुरुवार को कब्जे की कार्रवाई को अंजाम दिया। इसके विपरीत, ग्रामीणों का आरोप है कि अवैध अतिक्रमण से भूमि को पुनः प्राप्त करने के बहाने, वन विभाग के कर्मियों ने निजी भूमि पर अतिक्रमण करने के लिए ट्रैक्टरों का इस्तेमाल किया, जिससे कड़ी मेहनत से उगाई गई फसलों को अपूरणीय क्षति हुई। जगबीर ने पहले अपनी जमीन के कथित हड़पने का विरोध किया था, लेकिन उनकी दलीलें अनुत्तरित रहीं।
मेरठ के जिला मजिस्ट्रेट दीपक मीणा ने जगबीर में अस्पताल में भर्ती होने और उसकी हालत गंभीर होने की पुष्टि की। उन्होंने किसान के स्वास्थ्य में सुधार होने पर मामले की गहन जांच का आश्वासन दिया। इस घटना ने ग्रामीणों और वन विभाग के बीच कथित झड़प पर चिंता बढ़ा दी है, जिससे व्यापक जांच की मांग की जा रही है।