नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसानों का आंदोलन एक बार फिर जोर पकड़ सकता है। किसान मोर्चा ने 6 फरवरी को देशभर में चक्काजाम करने का ऐलान किया है। 6 फरवरी को दोपहर 12 बजे से तीन बजे तक चक्काजाम का ऐलान किया गया है। आंदोलन में किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए पुलिस ने गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा बेहद कड़ी कर दी है।
दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद की ओर से आंदोलन वाली जगह जाने वाले रास्तों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है। हाईवे पर बैरिकेडिंग को लोहे के एंगल से फिक्स कर दिया गया है। पुलिस, मीडिया और इमरजेंसी सर्विस को भी इस रास्ते से जाने की इजाजत नहीं है।
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गाजीपुर बॉर्डर पर पूरी तरह से एनएच-9 को बंद कर दिया गया है। इसकी वजह से ऑफिस जाने वालों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। अब तक जो यातायात गाजीपुर से होकर के दिल्ली की तरफ नेशनल हाईवे के जरिए जाता था, उसे बाकी और सड़कों पर डायवर्ट किया गया है।
ऐसा नहीं है कि इससे तत्कालिक तौर पर किया गया हो क्योंकि जिस तरीके से बैरिकेड को पूरी तरह जमीन में गाड़ दिया गया है, उससे लगता है कि फिलहाल सीमा पूरी तरह सील रहेगी। जिस तरह की रोक-टोक नेशनल हाईवे पर लगाई गई है, उससे आसपास की कई सारी सड़कों पर जाम लगा रहा।
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गाजियाबाद से दिल्ली जाने के लिए लोग आमतौर पर नहर के किनारे पुस्ता रोड का इस्तेमाल कर रहे हैं। दिल्ली पुलिस की दलील यह है कि चूंकि संसद का सत्र इस समय चल रहा है इसलिए वह किसान आंदोलन को लेकर कोई भी चांस नहीं ले सकते।
दिल्ली के नेहरू प्लेस में काम करने वाले रोहन कहते हैं कि उन्हें इन दिनों सुबह और शाम दोनों वक्त 2 घंटे ज्यादा समय सड़क पर बिताना पड़ रहा है, क्योंकि तमाम सड़कों पर जाम नहीं खुल पा रहा। इसी तरीके से इंदिरापुरम में रहने वाली श्वेता का कहना है कि वह सरकारी दफ्तर में काम करती हैं, लेकिन बॉर्डर सील होने की वजह से कल भी तकरीबन ढाई घंटे देर से दफ्तर पहुंचीं।