लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का तत्काल सर्वे कराये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि जिन किसानों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाय।
पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण मंत्री अनिल राजभर ने शनिवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि तटबंध की निरन्तर पेट्रोलिंग कराया जाना सुनिश्चित करें ताकि बांधों में कटान की स्थिति पर सतत निगरानी रखी जा सके। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि बाढ़ से कृषि फसलों को हुई क्षति का सर्वे तत्काल करा लिया जाय तथा जिन कृषकों की फसलें बाढ़ के कारण नष्ट हुई हैं उनको शीघ्र कृषि निवेश अनुदान प्रदान किया जाय।
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उन्होंने बताया कि राज्य में वर्तमान में सभी तटबंध सुरक्षित है। बाढ़ के संबंध में निरन्तर अनुश्रवण का कार्य किया जा रहा है। कहीं भी किसी प्रकार की चिंताजनक परिस्थिति नहीं है। राज्य के बाढ़ प्रभावित जिलों में सर्च एवं रेस्क्यू के लिये एनडीआरएफ की 12 टीमें तथा एसडीआरएफ एवं पीएसी की 17 टीमें इस प्रकार कुल 29 टीमें तैनाती की गयी है। उन्होंने बताया कि 591 नावें बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लगायी गयी है। बाढ़/अतिवृष्टि की आपदा से निपटने के लिये बचाव व राहत प्रबन्धन के सम्बन्ध में विस्तृत दिशा निर्देश जारी किये जा चुके है।
श्री अनिल राजभर ने बताया कि बाढ़ पीड़ित परिवारों को खाद्यान्न किट का वितरण कराया जा रहा है। इस किट में 17 प्रकार की सामग्री जिसमें आटा, चावल, आलू, लाई, भूना चना, अरहर की दाल, नमक, हल्दी, मिर्च, धनिया, केरोसिन, मोमबत्ती, माचिस, बिस्कुट, रिफाइन्ड तेल, 100 टेबलेट क्लोरीन एवं नहाने के साबुन वितरित किये जा रहे है। उन्होंने बताया कि अब तक राहत सामग्री के तहत 1,74,630 खाद्यान्न किट व 3,17,008 मीटर तिरपाल का वितरण किया जा चुका है। उन्होंने बताया कि 350 मेडिकल टीम लगायी गयी है।
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उन्होंने बताया कि बाढ की आपदा से निपटने के लिए प्रदेश में 373 बाढ़ शरणालय तथा 784 बाढ़ चौकियां स्थापित की गयी है। वर्तमान में प्रदेश के 16 जिलों अम्बेडकरनगर, अयोध्या, आजमगढ़, बहराइच, बलिया, बाराबंकी, बस्ती, देवरिया, फर्रूखाबाद, गोण्डा, गोरखपुर, कुशीनगर, लखीमपुरखीरी, मऊ, सीतापुर तथा संत कबीर नगर के 792 गांवों बाढ़ से प्रभावित है। शारदा नदी, पलिया कला (लखीमपुरखीरी), सरयू (घाघरा) नदी (अयोध्या) तथा तुर्तीपार (बलिया), सरयू (घाघरा) नदी एल्गिनब्रिज बाराबंकी में अपने खतरे के जलस्तर से ऊपर बह रही है। प्रदेश में 487 पशु शिविर स्थापित किये गये है तथा 7,18,555 पशुओं का टीकाकरण भी किया गया हैं।
श्री राजभर ने बताया कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में अब तक कुल 4,652 कुुंतल भूसा वितरित किया गया है। आपदा से निपटने के लिए जिला एवं राज्य स्तर पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना की गयी है। उन्होंने कहा कि किसी को भी बाढ़ या अन्य आपदा के संबंध में कोई भी समस्या होती है तो वह जिला आपदा नियंत्रण केन्द्र या राज्य स्तरीय कंट्रोल हेल्प लाइन नं0-1070 पर फोन कर सम्पर्क कर सकता है।