कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन के आज एक साल पूरे हो गए हैं। आंदोलन के एक साल पूरे होने पर देशभर से किसान दिल्ली की सीमाओं पर बड़ी तादाद में पहुंचे हैं। किसान नेताओं ने साफ कर दिया है कि उनकी छह में से केवल एक मांग मानी गई है। जब तक हर मांग नहीं मान ली जाती, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
किसान आंदोलन का एक साल पूरा होने पर किसानों की महापंचायत शुरू हो गई है। इसका आगाज राष्ट्रगान के साथ हुआ। इस मौके पर राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव व अन्य किसान नेता मौजूद हैं। वहीं इससे पहले किसानों को महापंचायत की व्यवस्था के बारे में गाजीपुर किसान आंदोलन कमेटी के प्रवक्ता जगतार सिंह बाजवा ने जानकारी दी।
इस अवसर यूपी, हरियाणा और पंजाब के के किसानों का सिंघु और टीकरी बॉर्डर, गाजीपुर बॉर्डर पर एक बार फिर से जमावड़ा बढ़ गया है। हालांकि, केंद्र ने हाल ही में तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है। इसके बावजूद किसान अभी वापस लौटने को तैयार नहीं हैं। इसे देखते हुए राजधानी के विभिन्न सीमावर्ती इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
Farmers in large numbers gathered at the Singhu border to observe the first anniversary of protest against the three farm laws pic.twitter.com/gDBjr2VLgN
— ANI (@ANI) November 26, 2021
यूपी गेट स्थित किसान आंदोलन स्थल पर महापंचायत को लेकर पीएसी की 5 बटालियन, सिविल पुलिस के 250 कर्मी, एलआईयू, इंटेलिजेंस और महिला पुलिसकर्मी को तैनात किया गया है। एसपी सिटी सेकेंड ज्ञानेंद्र सिंह का कहना है कि किसान आंदोलन पर पूरी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। संदिग्धों पर नजर रखने के लिए पुलिसकर्मियों को सिविल ड्रेस में भी तैनात किया गया है।
दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग को मजबूत किया गया है। वहीं, दिल्ली पुलिस द्वारा बैरिकेडिंग के पास चेतावनी के पोस्टर लगाए गए हैं, जिसमें इस पॉइंट पर धारा 144 लागू होने की बात कही गई है।
किसानों के संसद कूच के एलान को देखते हुए दिल्ली को शुक्रवार यानी आज से ही सील कर दिया गया है। सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा व्यवस्था बढ़ाई दी गई है। बॉडर पर तैनात पुलिसकर्मियों को सख्त आदेश दिए गए हैं कि किसी को चेकिंग के बिना दिल्ली में न घुसने दिया जाए।
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किसान आंदोलन के एक साल पूरा होने पर किसी भी तरह के अवांछित घटनाक्रम से बचने के लिए दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी है। रास्ता रोकने के लिए पुलिस ने बैरिकेडिंग के साथ ही क्रेन भी लगाई गई है। सिर्फ दिल्ली-गाजियाबाद बॉर्डर ही नहीं अन्य मार्गों पर भी बैरिकेडिंग होने के चलते कई जगहों पर लंबा जाम लगा है।
हुआ एक साल पूरा
किसान आंदोलन का आज एक साल पूरा हो गया है। ऐसे में दिल्ली की उन तमाम सीमाओं पर जहां बीते 12 महीनों से किसान प्रदर्शन कर रहे हैं वहां पुलिस की तरफ से सख्ती बढ़ी है तो किसानों की भीड़ भी बढ़ गई है। आंदोलन के एक साल पूरा होने व पीएम की तरफ से तीनों कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद एसकेएम ने किसानों से दिल्ली बॉर्डर्स पर पहुंचने और आंशिक जीत उत्सव मनाने का आह्वान किया था। इस अपील का वीरवार को अच्छा खासा असर देखने को मिला।
आलम यह था कि कुंडली-सिंघु बॉर्डर पर किसानों के पहुंचने का सिलसिला सुबह से शुरू होकर देर रात तक जारी रहा। हर एक घंटे में 15 ट्रैक्टर-ट्रॉलियां कुंडली बॉर्डर पर पहुंच रहे हैं। कानून वापस लिए जाने की घोषणा से किसान जोश में हैं, लेकिन एमएसपी समेत लंबित मांगों को भी नहीं भूले हैं। उनकी सरकार से उम्मीद भरी अपील है कि बाकी मांगों को जल्द ही पूरा किया जाए, ताकि वह घर लौट सकें।
किसान आंदोलन को एक साल पूरे होने पर अमृतसर, जालंधर, फिरोजपुर, पटियाला, लुधियाना, संगरूर, अंबाला, हिसार, सिरसा, रोहतक, कुरुक्षेत्र, भिवानी समेत दोनों राज्यों के हजारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। पुलिस के मुताबिक, सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और जिन जगहों पर प्रदर्शनकारी किसान धरने पर बैठे हैं, वहां दिल्ली पुलिस के जवानों के साथ अर्द्धसैनिक बलों की तैनाती रहेगी।