केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों ने यूपी-दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर नेशनल हाईवे 24 पर फ्लाईओवर के नीचे दिल्ली जाने वाली सर्विस लेन को खोल दिया है। किसानों ने सबसे पहले इसी रास्ते को रोका था। किसानों ने रास्ता खोलने का फैसला मामला सुप्रीम कोर्ट में जाने के बाद लिया है।
वहीं, मीडिया ने किसान नेता राकेश टिकैत से पूछा क्या सब कुछ हटा देंगे? इस पर उन्होंने कहा कि हां सब हटा देंगे, इसके बाद दिल्ली जा रहे हैं और पार्लियामेंट पर बैठेंगे, जहां यह कानून बनाया गया है। हमें तो दिल्ली जाना है। इस वक्त मौके पर काफी संख्या में किसान मौजूद हैं और सर्विस रोड पर लगे टेंट और दूसरा सामान हटाना शुरू कर दिया है।
दरअसल किसान आंदोलन के चलते रोड़ ब्लॉक होने पर सुप्रीम कोर्ट ने आज एक बार फिर चिंता जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि किसी भी स्थिति में रोड़ को ब्लॉक नहीं किया जा सकता है। कुछ किसान संगठनों की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे ने बताया कि किसानों ने रोड ब्लॉक नहीं किया हुआ बल्कि पुलिस ने किया हुआ है। पुलिस प्रशासन ने रामलीला मैदान में बीजेपी को रैली करने की अनुमति दे दी, लेकिन किसानों को नहीं दे रही। पुलिस चाहे तो जहां किसान आंदोलन कर रहे हैं, वहां बेहतर यातायात इंतजाम कर सकती है, लेकिन नहीं किए जा रहे हैं। उन्होंने ये भी अनुरोध किया कि इसी तरह का मामला तीन जजों की बेंच भी सुन रही है, लिहाजा इसे भी वहीं भेज दिया जाना चाहिए। इस पर सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बेंच बदलने की मांग नहीं मानी जानी चाहिए। उन्होंने ये भी कहा कि कुछ लोग रामलीला मैदान को अपना स्थायी पता बनाना चाहते हैं।
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कोर्ट ने कहा कि आपके पास आंदोलन का अधिकार है, लेकिन आखिर रोड क्यों ब्लॉक की हुई हैं। वो मामले से जुड़े बड़े मुद्दों को नहीं देख रहे, उनकी चिंता सिर्फ इस बात की है कि रोड़ क्यों ब्लॉक किए हुए हैं। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में किसान संगठनों को तीन हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा और मामले की सुनवाई 7 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी। दरअसल इस मामले में नोएडा के एक निवासी ने एनसीआर में रोड ब्लॉक होने के कारण होने वाली परेशानियों के खिलाफ याचिका दाखिल की थ।