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कृषि कानून पर केंद्र सरकार से बातचीत का फैसला जल्द लेंगे किसान संगठन

कृषि कानून

नई दिल्ली। किसानों की समस्याओं पर केंद्र की मोदी सरकार से बातचीत के लिए मंगलवार को आमंत्रण मिला है। इसके बाद किसान संगठन जल्द ही इस पर फैसला लेंगे। इसके लिए पंजाब के किसान संगठनों की जल्द एक बैठक होने जा रही है। सरकार ने किसानों से जुड़े मसलों पर बातचीत के लिए किसान संगठनों को आज दोपहर तीन बजे नई दिल्ली स्थित विज्ञान भवन बुलाया है।

किसान नेता कृपा सिंह ने बताया कि थोड़ी ही देर में किसान संगठनों के नेताओं की एक बैठक होने जा रही है जिसमें सरकार से बातचीत के लिए जाने को लेकर फैसला लिया जाएगा।

बातचीत के मुद्दों को लेकर पूछे गए सवाल पर कृपा सिंह ने कहा किसान तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं और बातचीत के लिए सबसे अहम मसला यही है। इसके अलावा किसान नेता पराली और बिजली बिल से संबधित अपनी मांगों पर भी चर्चा करना चाहते हैं। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने प्रदर्शनकारी किसानों को आंदोलन का रास्ता छोड़कर उनकी समस्याओं के समाधान के लिए चर्चा करने की अपील की है।

कृषि सचिव ने सोमवार को उन्हें एक पत्र भेजकर केंद्रीय मंत्रियों से बातचीत के लिए एक दिसंबर को आमंत्रित किया है। पत्र में किसान संगठनों के प्रतिनिधियों को केंद्रीय मंत्रियों से वार्ता के लिए आज दोपहर तीन बजे विज्ञान भवन बुलाया गया है। इससे पहले भी उनके साथ विज्ञान भवन में ही वार्ता हुई थी, जिसमें तोमर के साथ-साथ रेलमंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश भी मौजूद थे।

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केंद्रीय मंत्री तोमर ने कहा कि हमने पिछली बार यह तय किया था कि वार्ता का दौर आगे भी जारी रहेगा और हमने तीन दिसंबर को किसान प्रतिनिधियों को वार्ता के लिए आमंत्रित किया था, लेकिन किसान आंदोलन कर रहे हैं और सर्दी का मौसम है, साथ ही कोविड का भी संकट है, इसलिए यह फैसला लिया गया है कि वार्ता जल्द शुरू की जाए। केंद्र सरकार द्वारा द्वारा लागू तीन कृषि कानूनों के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन चल रहा है।

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किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए कृषि मंत्री तोमर ने इससे पहले किसान नेताओं को तीन दिसंबर को आमंत्रित किया था, लेकिन किसानों के आंदोलन पर उतर आने की सूरत में उन्हें अब दो दिन पहले एक दिसंबर को ही बुलाया गया है। बता दें कि इससे पहले 13 नवंबर को भी केंद्रीय मंत्रियों और किसान संगठनों के प्रतिनिधियों के बीच दिल्ली के विज्ञान भवन में ही वार्ता हुई थी। हालांकि वह बैठक बेनतीजा रही लेकिन दोनों पक्षों ने किसानों की समस्याओं पर आगे भी चर्चा जारी रखने पर सहमति जताई थी।

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