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खड़ी फसल को जेसीबी से रौंदा, किसानों ने किया एक्सप्रेसवे निर्माण का किया विरोध

Farmers protested against the construction of the expressway

Farmers protested against the construction of the expressway

चंदौली। उत्तर प्रदेश के चंदौली में चल रहे भारतमाला परियोजना के अंतर्गत वाराणसी-रांची-कोलकाता एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर किसानों (Farmers) ने जमकर बवाल किया। आरोप है कि इस परियोजना में कुछ किसानों का अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इसको लेकर किसानों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और कार्य संस्थान द्वारा ली गई पोकलैंड और जेसीबी को रोकने का प्रयास किया।

इसके बाद चकिया के एसडीएम मौके पर पहुंचे। प्रशासन द्वारा दो थाने की फोर्स के द्वारा भीड़ को हटाया गया। किसानों (Farmers) का आरोप है कि अब तक उन्हें मुआवजा नहीं मिला है और खड़ी फसल को जेसीबी से बर्बाद किया गया है। किसानो ने फसल के नुकसान के साथ साथ मुआवजे की मांग की है।

किसानों (Farmers) ने किया विरोध

किसान संजय सिंह ने बताया कि रोपाई के बाद फसल बर्बाद कर दी गई जिसका अभी तक मुआवजा नहीं मिल पाया है, वहीं किसान कृष्णावती और दिलीप का भी मुआवजा नहीं मिल पाया है। जिसको लेकर किसानों ने बवाल किया और जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। किसानो ने कहा कि नुकसान के साथ जमीन का भी मुआवजा दिया जाए नहीं तो हम लोग आगे धरना प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होंगे। इस दौरान मौके पर दो थाने की फोर्स के साथ एक प्लाटून पीएसी मौजूद रही।

किसानो का कहना है कि सरकार एक ओर किसानों की आय दुगनी की बात करती है, तो एक ओर जबरदस्ती जमीन अधिग्रहण करती है। किसानों का मुआवजा भी समय से नहीं मिला। हालांकि, कुछ किसानों का मुआवजा मिल गया है। जिन किसानों की जमीन का मुआवजा नहीं मिला उन किसानों ने अपनी खेत में धान की रोपाई कर दी। अब आज जिला प्रशासन द्वारा उनकी फसल को बर्बाद कर जमीन को ले लिया गया।

संकट में फंसे किसान (Farmers) 

अब उनके सामने संकट उत्तपन हो गया है, क्योंकि उन्होंने जुताई, बुआई, खाद देकर अपने खेत मे धान की फसल लगाई थी। फसल भी अच्छी थी। दो महीने मे धान की फसल तैयार होने वाली थी। अब जो लागत लगाई थी फसल के साथ वो भी बर्बाद हो गई। ऊपर से उनके ऊपर कर्ज भी हो गया है। अब किसानों के माथे पर चिन्ता की लकीर खींच गयी है। किसानो ने कहा कि धान की फसल बेच कर बेटी की शादी, बच्चों की फीस, दवाई, गेहूं बोने के लिये बीज, खाद, की भी व्यवस्था करनी थी जो धान के रोपाई में कर्ज लिये थे उसको भी भरना था, लेकिन सब बर्बाद हो गया। चन्दौली के लगभग 60% प्रतिशत लोग खेती पे ही आश्रित है।

पूरे मामले पर अपर जिलाधिकारी राजेश कुमार ने कहा है की जो मामले न्यायालय में विचारधीन हैं उन पर काम को रोका गया है। ज्यादा से ज्यादा किसानों का पैसा दे दिया गया है। कुछ किसानों से पहले एक बीघा जमीन ली गई थी लेकिन बाद में उनसे अधिक जमीन ली गई। उस पर जांच चल रही है और पैसा दिया जा रहा है।

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