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एमएसपी से कम रेट पर किसान न तुलवाए धान, डीएम के पास लेकर जाएं : टिकैत

राकेश टिकैत

राकेश टिकैत

रामपुर। भारतीय किसान यूनियन टिकैत का रामपुर में धान खरीद और गन्ने के कीमतों को लेकर बिलासपुर तहसील में प्रस्तावित धरने को लेकर भाकियू राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत रामपुर पहुंचे। जहाँ जिलाध्यक्ष हसीब अहमद के नेतृत्व में बड़ी तादाद में जमा किसानों ने फूल मालाओं और नारेबाज़ी कर राकेश टिकैत का स्वागत किया।

इस दौरान भाकियू कार्यालय पर राकेश टिकैत ने प्रेस से बात की और उसके बाद ट्रैक्टर ट्रॉलियों में सवार किसानों के साथ बिलासपुर के लिए रवाना हुए।

प्रेस से बात करते हुए कहा कि यहां आने का मकसद धान की खरीद गन्ने का भुगतान और अवैध रूप से रामपुर मुरादाबाद में गन्ने की खरीद को लेकर है। कहा कि हमारी मांग है कि इस पर पूर्ण रूप से निगरानी रखी जाए और जो अवैध खरीद बंद हो, और जो बकाया गन्ने मिलो पर भुगतान है वह दिया जाए। और जो एमएसपी है उस पर धान की खरीद हो क्योंकि धान के रेट बहुत नीचे जा रहे हैं जिसमें बासमती है शरबती है जो आज से दो-तीन साल पहले रेट था यह जिम्मेदारी सरकार की है उसको कम से कम 3 हज़ार का रेट मिले। यह जिम्मेदारी सरकार की है। अवैध खरीदारी पर कहा कि धान की यहां से लेकर शाहजहांपुर तक 300 से 400 ट्रक रोज़ की धान की खरीदारी होती है जो हरियाणा तक जाता है जो व्यापारी खरीद रहा है व्यापारी ने यहां किसान को पूर्ण रूप से लूट लिया है।

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यह सरकार की जिम्मेदारी है कि हम एमएसपी से कम रेट पर खरीदारी न हो। और यह लड़ाई पूर्ण रूप से जब तक हम लड़ते रहेंगे जब तक यह जो तीन कानून बने हैं इसमें एमएसपी का क्रोध इनको डालना पड़ेगा। आज डाल दो 2 साल के बाद डाल दो आंदोलन के तौर पर डाल दो या राजनीतिक तौर पर डालना पड़ेगा। जो किसान संगठन है वह अपना काम कर रहा है इसके अलावा एमएसपी का जो मुद्दा है वह पॉलीटिकल स्तर पर चला गया है आने वाले समय में हर पॉलिटिकल पार्टी इसको अपने मुख्य एजेंडे में शामिल करें।

यूपी सीएम से मुलाक़ात पर कहा कि यह हमारी मांग मुख्यमंत्री से भी रही कि जो यहां के मुद्दे हैं चाहे धान खरीद हो गन्ने का भुगतान हो तभी शुगर मिली चलें इस पर बात हुई थी। कृषि बिल को लेकर कहा कि इसको लेकर पूरे देश में आंदोलन हो रहा है और जब तक एमएसपी को आगे नहीं बढ़ाएंगे कानून नहीं बनाएंगे हमारा आंदोलन जारी रहेगा। कहा कि सबसे ज्यादा धान की खरीद यहां से ही होती है रामपुर से लेकर पूरी बेल्ट लगती है तराई क्षेत्र है।

जब तक वह लिखित में नहीं देंगे प्रधानमंत्री के कहने से नहीं चलता है, देश में संविधान है अगर यह बिल को हाउस में लेकर आए हैं तो एमएसपी को लेकर भी हाउस में कानून बनाना पड़ेगा। पराली जलाने पर किसानों पर हो रहे मुकदमे को लेकर कहा कि इस पर हमने सरकार से बात की है और जो साइंटिस्ट है यह जिम्मेदारी पूर्ण रूप से उसकी है कि पुराली का निस्तारण कैसे हो एनजीटी का और प्रदूषण पूरे भारत में हो रहा है दूसरे देशों में भी हो रहा है उसका प्रेशर है प्रदूषण के रूप में यह मान लिया कि पराली सबसे ज्यादा प्रदूषण फैला रही है जो गलत है।

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पॉल्यूशन तो जो गाड़ियां हैं या फैक्ट्रियां हैं उससे भी फैल रहा है दिल्ली है या और अन्य राज्य हैं वहां कहां पराली जलती है।सबसे ज़्यादा गाड़ियों से ही पॉल्यूशन है हवा कभी इधर से उधर नहीं चलती हवा पूर्व पश्चिम और उत्तर दक्षिण चलती है पंजाब की हवा तो दिल्ली में आएगी नहीं वह तो जो गाड़ियां चलती है इंजन चलते हैं उसका धुंआ है इस पर सरकार कंट्रोल करें और दूसरी जो फैक्ट्री है उस पर कंट्रोल करना पड़ेगा।

किसानों को मुद्दा नहीं बनाएं किसानों को बता दे या उनको इक्विपमेंट दे दे,या सरकार बता दे कि कैसे उसका इस्तेमाल करेगा और अब किसान वैसे भी पराली जलाते नहीं जानवरों को चारे के तौर पर खिलाता है या खेतों में इस्तेमाल करता है।

गन्ने के पिछले भुगतान को लेकर राकेश टिकैत ने कहा कि मुख्यमंत्री ने 20 अक्टूबर तक का वायदा किया था जबकि अब 7 दिन और हो गए भुगतान नहीं हुआ। मतलब जो फैक्ट्री है मुख्यमंत्री का भी कहना नहीं मानते इसका मतलब उनका और सरकारों का कहीं न कहीं सांठगांठ है।

दोबारा गन्ने की खरीद को लेकर कहा कि हमारी मांग है कि यह बकाया भुगतान है वह मिले उसका जो ब्याज है वह मिले और कितना बकाया है भुगतान लेट दिया है उसका कितना ब्याज दिया है वह सारा डाटा मिले। इसको लेकर कल मुजफ्फरनगर मैं बड़ी पंचायत है उसके बाद जिलों में धरने पर बैठेगे अपने-अपने जिलों को धान तुलवाये और जो गन्ने का भुगतान है वह मिले जो फैक्ट्री हैं वह चले।

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बिजली के जिस तरह से रेट बढ़ा रहे हैं वह पूर्ण रूप से गलत है पंजाब में बिजली फ्री है उत्तराखंड में भी कम रेट है हरियाणा में 35 रुपए हॉर्स पावर है। यह सब चीजें वापस लेना पड़ेगी या इसमें छूट होना चाहिए। फर्जी धान क्रय केंद्रों किसान ध्यान ना दें और देना भी हो तो एमएसपी से कम रेट पर न दें और डीएम के लेकर जाएं डीसी के यहाँ लेकर जाए अगर धान नहीं तुल रहा है तो डीएम की जिम्मेदारी है कि धानो को तुलवाया जाएगा।

बिलासपुर पहुँचने पर भव्य स्वागत हुआ और बड़ी तादाद में जमा किसानों ने राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने किसानों के हित के लिए लड़ी जा रही लड़ाइयों को उनके सामने रखा और हर तरह से किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ संघर्ष और लड़ने का संकल्प लिया।

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