नई दिल्ली। कृषि कानूनों के विरोध में आंदोलनरत किसान संगठनों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। इसके साथ ही दिल्ली को चारों तरफ से घरने की चेतावनी दी है। कहा कि वह बिना किसी शर्त के साथ सरकार से बातचीत करना चाहते हैं।
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किसान संगठनों ने रविवार को सिंघु बॉर्डर पर संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सर्वसम्मति से सरकार के प्रस्ताव को ठुकराने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि बुराड़ी का मैदान आंदोलन की जगह नहीं है बल्कि एक खुला जेल है इसलिए वहां किसी भी हाल में नहीं जाएंगे। शर्तों के साथ किसी भी सूरत में बातचीत नहीं होगी।
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उन्होंने कहा कि उनके पास चार महीनों का राशन समेत सारे इंतेजाम हैं। आने वाले दिनों में दिल्ली के पांच महत्वपूर्ण आने जाने वाले मार्गों को पूरी तरह से जाम किया जाएगा। पंजाब में किसान पिछले दो महीने से संघर्ष कर रहे हैं और पिछले चार दिनों से दिल्ली चलो अभियान के तहत किसान विभिन्न मार्गों से दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं। किसान नेताओं ने साफ तौर पर कहा कि किसी भी राजनीतिक दल के नेताओं को मंच पर अनुमति नहीं दी जाएगी।
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किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनकी मांगों और सवालों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। सरकार की कार्यप्रणाली ने अविश्वास और भरोसे की कमी पैदा की है। किसान संगठनों का कहना है अगर सरकार किसानों की मांगों को सम्बोधित करने पर गम्भीर है तो उसे शर्तें लगानी बंद कर देनी चाहिए।