नई दिल्ली। केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध अब भी बरकरार है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन आज 77वें दिन भी जारी है। कानूनों को रद्द कराने पर अड़े किसान इस मुद्दे पर सरकार के साथ आर-पार की लड़ाई का ऐलान कर चुके हैं। नए कृषि कानूनों के खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए प्रदर्शनकारी किसान यूनियनों ने 18 फरवरी को चार घंटे के राष्ट्रव्यापी ‘रेल रोको’ अभियान की घोषणा की है।
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संयुक्त किसान मोर्चा के नेता डॉ. दर्शन पाल ने बुधवार शाम को किसान आंदोलन से जुड़े आगे के नए कार्यक्रमों का ऐलान कर दिया है। उन्होंने बताया कि किसानों द्वारा 12 फरवरी से राजस्थान के सभी रोड के टोल प्लाजा को टोल फ्री कर दिया जाएगा। 14 फरवरी को देशभर में कैंडल मार्च, ‘माशाल जुलूस’ और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, जिसमें पुलवामा हमले में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद किया जाएगा। वहीं, 16 फरवरी को किसान सर छोटूराम की जयंती पर देश भर में एकजुटता दिखाएंगे। देशभर में 18 फरवरी को दोपहर 12 से शाम 4 बजे तक रेल रोको कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
On February 16, the farmers will show solidarity throughout the country on the birth anniversary of Sir Chhoturam. Rail roko program will be held on February 18 from 12 to 4 pm across the country: Dr Darshan Pal, Samyukta Kisan Morcha
— ANI (@ANI) February 10, 2021
इससे पहले पहले किसानों ने गणतंत्र दिवस पर दिल्ली में ट्रैक्टर परेड और 6 फरवरी को देशव्यापी चक्का जाम किया था। इस दौरान दिल्ली, यूपी और उत्तराखंड को चक्का जाम से अलग रखा गया था।
बता दें कि किसान हाल ही बनाए गए तीन नए कृषि कानूनों – द प्रोड्यूसर्स ट्रेड एंड कॉमर्स (प्रमोशन एंड फैसिलिटेशन) एक्ट, 2020, द फार्मर्स ( एम्पावरमेंट एंड प्रोटेक्शन) एग्रीमेंट ऑन प्राइस एश्योरेंस एंड फार्म सर्विसेज एक्ट, 2020 और द एसेंशियल कमोडिटीज (एमेंडमेंट) एक्ट, 2020 का विरोध कर रहे हैं। केन्द्र सरकार इन कानूनों को जहां कृषि क्षेत्र में बड़े सुधार के तौर पर पेश कर रही है, वहीं प्रदर्शन कर रहे किसानों ने आशंका जताई है कि नए कानूनों से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) और मंडी व्यवस्था खत्म हो जाएगी और वे बड़े कॉरपोरेट पर निर्भर हो जाएंगे।