नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ने शुक्रवार को कहा कि फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह की राशि रोजाना 80 करोड़ रुपये का आंकड़ा पार कर गई है। परिवहन मंत्रालय ने अगले वर्ष पहली जनवरी से सभी वाहनों के लिए फास्टैग से लैस होना अनिवार्य कर दिया है। इसके साथ ही अगले वर्ष पहली अप्रैल से सिर्फ उन वाहनों को फिटनेस सर्टिफिकेट और थर्ड पार्टी बीमा सुविधाएं दी जाएंगी, जिनमें फास्टैग लगा होगा।
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एनएचएआइ ने कहा है कि वर्तमान में फास्टैग 30,000 से ज्यादा स्थानों पर उपलब्ध है। एनएचएआइ के सभी टोल प्लाजा पर इसकी उपलब्धता अनिवार्य की गई है, ताकि इसे वहां से खरीदा जा सके। यह अमेजन, फ्लिपकार्ट और स्नैपडील जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म से भी खरीदा जा सकता है। इसे आसानी से रिचार्ज करने के लिए 27 बैंकों से करार किया गया है। इसके साथ ही यह भारत बिल पेमेंट सिस्टम, यूपीआइ, पेटीएम और माई फास्टैग मोबाइल एप से भी रिचार्ज किया जा सकता है।
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ऐसे में इनकी सहज उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए एनएचएआइ ने कई कदम उठाए हैं। प्राधिकरण के मुताबिक फास्टैग अपनाने के बाद टोल प्लाजा से वाहनों के गुजरने में लगने वाला समय खासा घटा है। इससे ईधन की भी बचत हो रही है। लेनदेन की संख्या के लिहाज से भी एनएचएआइ ने रोजाना 50 लाख का रिकॉर्ड बनाया है। देशभर में अब तक 2.20 करोड़ फास्टैग जारी किए गए हैं। एनएचएआइ ने कहा कि फास्टैग के माध्यम से टोल संग्रह का आंकड़ा पहली बार इस सप्ताह गुरुवार को 80 करोड़ रुपये के पार गया।