खजूर (Dates) में पोषक तत्वों की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जिसके वजह से इसे बच्चों की डाइट में शामिल करने पर जोर दिया जाता है। ठोस आहार शुरू करने के बाद आप खजूर (Dates) को प्यूरी के रूप में बच्चे को दे सकते हैं।
>> खजूर (Dates) में आयरन, कैल्शियम, सोडियम, फास्फोरस, मैग्नीशियम, पोटैशियम और जिंक जैसे खनिज पदार्थ पाए जाते हैं। इसके साथ ही खजूर में नाइनिस, राइबोफ्लेविन, थायमिन, फोलिक एसिड, विटामिन ए, बी6 और विटामिन के भी होता है।
>> इसके साथ ही खजूर शुगर और फाइबर का भी बहुत ही बढ़िया स्रोत है। खजूर में फ्रूक्टोज और डेक्सट्रोज नामक सिंपल शुगर पाई जाती है, जिसे शरीर को तुरंत एनर्जी मिलता है। इतना ही नहीं ये सभी पोषक तत्व गर्भस्थ शिशु के विकास में मदद करने के साथ ब्रेस्ट मिल्क भी बनाते हैं।
>> छह माह के उम्र के होने के बाद आप बच्चे को ठोस आहार शुरू करने पर खजूर खिला सकते हैं। बच्चे की डाइट में खजूर को धीरे-धीरे शामिल करें और इसे मैश या प्यूरी के रूप में ही दें। इसके साथ ही बच्चे को पहली बार खजूर खिलाने के बाद तीन दिन इंतजार करना चाहिए कि कहीं इससे कोई एलर्जी तो नहीं है।
>> खजूर में पोटैशियम की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जो मस्तिष्क के विकास में मदद करता है।
>> खजूर पेट के कीड़ों को साफ करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा खजूर लिवर के लिए भी फायदेमंद होता है। बच्चों को वायरल और बैक्टीरियल इंफेक्शन का खतरा बहुत अधिक रहता है, जिसका सीधा असर लिवर पर पड़ता है।
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>> कुछ बच्चों को अल्सर और एसिडिटी की समस्या हो सकती है। खजूर में ऐसे गुण होते हैं, जो इन दो समस्याओं के लक्षणों को कम करने में मदद कर सकते हैं। हालांकि, बच्चे को खजूर खिलाने से पहले डॉक्टर से जरूर सलाह लें।