खाद्य विभाग के चुनार केंद्र पर तैनात तत्कालीन विपणन निरीक्षक को खाद्य आयुक्त ने अनुशानहीनता में निलम्बित कर दिया। साथ ही चुनार में तैनाती के दौरान 521.31 कुंतल चावल के गबन के मामले में विपणन केंद्र प्रभारी चुनार रविशंकर सिंह ने शुक्रवार को मुकदमा दर्ज कराया।
विपणन निरीक्षक अल्पना चौरसिया ने जांच प्रभावित करने के लिए खाद्य विभाग सम्बंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर उनका उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। हालांकि मिलरों का 15 लाख रुपये गबन कर लिया। इसके अलावा किसानों से अवैध वसूली, 54 गांठ यानी 27 हजार बोरे बेचकर उसकी धनराशि गबन करने की भी जांच चल रही है।
पूर्व केंद्र प्रभारी ने महिला उत्पीड़न को हथियार बनाकर अपने विरुद्ध चल रही जांच कार्रवाई रोकने के लिए सम्बंधित अधिकारियों और कर्मचारियों के विरुद्ध व्यक्तिगत आक्षेप लगाया था। प्रकरण की जांच के बाद जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की रिपोर्ट के आधार पर खाद्य आयुक्त ने विपणन निरीक्षक को आखिरकार निलम्बित कर दिया। जिलाधिकारी ने बीते 24 जुलाई को जनपद में विपणन निरीक्षकों का स्थानांतरण किया। इसके तहत विपणन निरीक्षक का चुनार तहसील के सीखड़ केंद्र पर स्थानांतरण किया गया। इसके बाद जिले में पांच वर्ष पूरा होने के बावजूद 26 जुलाई को पहला प्रत्यावेदन डीएम तथा दूसरा आयुक्त को किया।
कार्यभार ग्रहण नहीं करने पर डीएम के स्थानांतरण आदेश के अनुपालन के लिए एएमओ चुनार श्वेता पांडेय, अजय प्रताप सिंह, मसूद अहमद और लिपिक की कमेटी गठित किया। जिससे जनपद के भीतर के कर्मचारियों का कार्य भार ग्रहण कराया जा सके। पांच अगस्त को अभिलेख देने और गणना के बाद रविशंकर सिंह ने चार्ज लिया। लेखा कार्यालय से कागजात का मिलान कराते समय पता चला कि तीन ट्रक में 521 कुंतल 31 किलो अनाज लगभग 16 लाख रुपया स्टाक बुक में दर्ज नहीं था, अनाज मौके पर भी नहीं मिला। चालान पर रिसिविंग मिला, जिससे पुष्टि हो गया कि गोदाम पर अनाज उतरा है।
ठेकेदार ने अनाज पहुंचाकर गोदाम पर उतरवाया था, जिसके गबन पर एफआइआर दर्ज कराया गया है। वहीं विपणन निरीक्षक अल्पना चौरसिया का कहना है कि चुनार केंद्र सम्बंधी कागजात आदि का चार्ज प्रतिस्थानी रविशंकर सिंह को दे दिया गया था। वहीं एमडीएम योजना के तहत चावल लगभग 521.31 कुंतल चावल विपणन सहायक अमरजीत द्वारा प्राप्त करके जगह अभाव के चलते दूसरे गोदाम में रखवाया गया था, इसके चार्ज के लिए बीते 23 अगस्त को आरएफसी को पत्र भेज चुकी है।