लखनऊ के अलीगंज इलाके में शुक्रवार शाम तीन मंजिला अवैध गोदाम में अचानक आग (Fire) लग गई। सेक्टर-के स्थित उस्मानपुर मोहल्ले में यह हादसा हुआ। आग (Fire) की लपटें और धुआं देख कर पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। गोदाम से उठ रही आग इतनी भयंकर थी कि पड़ोस में स्थित एक होस्टल तक फैल गई, जिसमें 15 से अधिक लड़कियां फंस गईं।
सूचना मिलते ही दमकल की दस गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। दमकलकर्मियों ने तीन टीमों में बांटकर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी 15 लड़कियों को सुरक्षित बाहर निकाला। इस दौरान गोदाम में मौजूद एक मजदूर झुलस गया। आग पर काबू पाने के दौरान दो बार छज्जा गिरने से पांच दमकलकर्मी घायल हो गए। सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) अलीगंज, रिषभ यादव ने बताया कि करीब साढ़े चार घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आग पर नियंत्रण पाया गया।
अलीगंज के सेक्टर-के में अमरजीत सिंह का तीन मंजिला गोदाम था, जिसमें फोटो फ्रेम संग्रहित थे। पड़ोस में रवि नामक युवक का होस्टल था, जहां 15 से अधिक लड़कियां रहती थीं। शाम साढ़े छह बजे अचानक आग लग गई और लपटें उठने लगीं। लड़कियों ने बाहर निकलने की कोशिश की, लेकिन आग ने रास्ता रोका। गोदाम में मौजूद पांच मजदूरों में से चार भाग गए, जबकि सचिन नामक एक मजदूर झुलस गया।
सूचना मिलते ही बक्शी का तालाब, इंदिरानगर, हजरतगंज, गोमतीनगर सहित अन्य क्षेत्रों से दमकल की दस गाड़ियां मौके पर पहुंचीं। टीमों ने पाइप बिछाकर दो सौ मीटर तक आग बुझाई। संयुक्त पुलिस आयुक्त कानून एवं व्यवस्था बबलू कुमार और मुख्य अग्निशमन अधिकारी अंकुश मित्तल सहित अन्य अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे।
सकरी गली और अवैध निर्माण के कारण आग पर काबू पाना चुनौतीपूर्ण रहा। दमकलकर्मी छज्जों पर चढ़कर आग पर नियंत्रण करने का प्रयास कर रहे थे। पहली बार साढ़े आठ बजे छज्जा गिरा और पांच दमकलकर्मी घायल हुए। इसके बाद 9.10 और 9.12 बजे दो बार और छज्जा गिरा। घटना इतनी भयंकर थी कि तीन किलोमीटर दूर से भी धुआं दिखाई दे रहा था।
घटना स्थल पर देखा गया कि गोदाम और होस्टल दोनों ही मानक के विपरीत चल रहे थे। होस्टल में केवल एक ही प्रवेश और निकास मार्ग था, जबकि गोदाम में भी सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया गया था।








