लखनऊ। आलमबाग के विराटनगर आजादनगर रिहायशी इलाके घर के अंदर बेसमेंट में अवैध रूप से चल रहे टेंट गोदाम में भीषण आग लग गई। अग्निकांड के दौरान मासूम बच्चे शांतनू (4) और ऋतिक (डेढ़) गोदाम में फंस गए। जिससे जिंदा जलकर उनकी मौत हो गई।
-दमकल कर्मियों ने दो घण्टे मशक्कत के बाद पाया काबू
विराटनगर आजादनगर निवासी आशुतोष सचिवालय कर्मी हैं। आशुतोष, मां शांति, पत्नी और बेटे के साथ घर के प्रथम तल पर रहते हैं। घर के अंदर बेसमेंट में क्षेत्र में रहने वाले चंद्र पाल सिंह का टेंट का गोदाम है। गोदाम में देखरेख के लिए मजदूर सनी, पत्नी खुशबू, बेटे शांतनू और ऋतिक के साथ रहते हैं। शनिवार सुबह करीब नौ बजे बेसमेंट में आग लग गई।
देखते देखते आग ने विकराल रूप धारण कर लिया। आस पड़ोस के लोग जबतक दौड़े गोदाम में आग फैल चुकी थी। दोनों बच्चे फंस गए थे। भीषण धुंआ फैल चुका था। लोगों ने पानी फेंककर आग पर काबू पाने का प्रयास किया पर सफलता नहीं मिली। इस बीच सीएफओ विजय कुमार सिंह, एफएसओ आलमबाग समेत कई अन्य फायर स्टेशनों के अफसर पहुंचे।
दमकल कर्मियों ने दो घण्टे की मशत के बाद किसी तरह आग पर काबू पाया। दमकल कर्मी अंदर घुसे उन्होंने बच्चों को निकाला और सिविल भेजा। सिविल में डॉक्टरों ने दोनों बच्चों शांतनू और ऋतिक को मृत घोषित कर दिया।
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दो घण्टे धुंए और आग में फंसे रहे बच्चे, बेसमेंट तोड़कर निकाले गए
अग्निकांड के दौरान बच्चे बेसमेंट में करीब दो घण्टे तक फंसे रहे। दमकल कर्मियों ने गेट से जीने के रास्ते बेसमेंट में घुसने का प्रयास किया पर आग इतनी भयावह थी कि इस स्थिति में अंदर जाना स भव नहीं था। इसके बाद में घर के मु य गेट के पास दमकल कर्मियों ने फर्श (बेसमेंट की छत) काटी और तोड़ी इसके बाद सीढ़ी लगाकर आग की लपटों के बीच ब्रीदिंग आपरेट्स सेट और ऑक्सीजन मास्क लगाकर अंदर दाखिल हुए और आग की लपटों की बीच अंदर घुसे। इसके बाद बच्चोंको निकालकर बाहर ला सके। बच्चे झुलसने और धुंए के कारण अचेत हो गए थे।
आग तापने के दौरान लगी थी आग
बेसमेंट में गद्दे और कुर्सियां रखी थीं। बेसमेंट में दो कमरे भी बने हैं, जिनमे सनी परिवार के साथ रहता है। उसी में खाना भी बनाता है। बेसमेंट में वेंटिलेशन के लिए कुछ नहीं है। बताया जा रहा है कि बच्चे अथवा खुशबू ठंड से बचने के लिए आग जलाकर ताप रही थीं। उस बीच आग गद्दों में लग गई। देखते देखते आग फैल गई।
मदद की गुहार लगाती रही खुशबू और अंदर फंस गए बच्चे
आग लगने के बाद खुसबू चीख पुकार और मदद की गुहार करती बेसमेंट के जीने से बाहर की ओर भागी। इस बीच दोनों बच्चे अंदर ही फंसे रह गए। देखते देखते आग फैल गई। इसके बाद किसी की अंदर जाने की हि मत न हुई और दोनों बच्चों की आग से झुलस कर मौत हो गई।