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उत्तर प्रदेश के अस्पतालों की FIRE NOC की होगी जांच, निदेशक को दी जाएगी नोटिस

DG Fire

कानपुर। लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में रविवार को शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग ने देखते ही देखते विकराल रुप धारण कर लिया और मरीजों की जान पर आ गयी। हालांकि दमकल की नौ गाड़ियों के बदौलत टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया और किसी भी प्रकार जनहानि नहीं हुई।

यह अलग बात है कि मरीजों को दूसरे वार्ड में शिफ्ट करने के दौरान दो मरीजों की मौत हो गयी। हादसे की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया। इसके बाद डीजी फायर खुद मौके पर पहुंचे और बताया कि स्टोर रुम की वजह से आग तेजी से फैली।

स्टोर रुम मुख्य बिल्डिंग से होंगे दूर, चलाया जाएगा अभियान

इसके लिए प्रदेश के सभी अस्पतालों पर अभियान चलाया जाएगा कि कोई भी अस्पताल अपनी मुख्य बिल्डिंग के पास स्टोर रुम नहीं रखेगा। इसके साथ ही यह भी जांच की जाएगी कि बिना फायर एनओसी के कोई भी अस्पताल संचालित नहीं होगा।

रावतपुर के जीटी रोड स्थित लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान (कार्डियोलॉजी) में रविवार को मुख्य बिल्डिंग के नीचे वाले फ्लोर पर बने स्टोर रुम में शार्ट सर्किट से आग लग गई। आग लगने से मरीजों में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। सूचना पर पहुंची दमकल की टीम ने बड़ी-बड़ी सीढ़ियों के जरिये मरीजों को दूसरे वार्डों में शिफ्ट किया गया।

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कानपुर परिक्षेत्र के सबसे बड़े कार्डियोलॉजी अस्पताल में आग लगने की जानकारी पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले का संज्ञान लिया और लखनऊ से दमकल के साथ ही अन्य विभागों के आलाधिकारी कानपुर पहुंचने लगे। अस्पताल पहुंचे डीजी फायर आरके विश्वकर्मा ने बताया कि 140 मरीज भर्ती थे जिनको सुरक्षित निकाल लिया गया है।

नौ फायर ब्रिगेड की गाड़ियों ने आग पर काबू पाया। किसी की मौत नहीं हुई है और स्टोर रुम में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगी है। स्टोर रुम में रखे प्लास्टिक के सामान के चलते आग ने विकराल रुप धारण किया है। मेरे अनुसार किसी भी अस्पताल के मुख्य बिल्डिंग से दूर स्टोर रुम को होना चाहिये। इसके लिए अभियान चलाया जाएगा। हादसे के कारणों को जांचने के लिए टीम का गठन किया गया है और जांच रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।

फेल हुआ फायर का सिस्टम

आग लगने के बाद हृदय रोग संस्थान में बड़ी लापरवाही सामने आई है। आलम यह रहा कि मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा था। इसे लेकर अग्निशमन विभाग नोटिस जारी कर चुका था, क्योंकि अस्पताल में फायर सेफ्टी सिस्टम पूरी तरह से फेल हो चुका था।

बताया जा रहा है कि कॉर्डियोलॉजी अस्पताल में आग से निपटने के इंतजाम ही नहीं थे। यहां लगे स्मोक डिटेक्टर, फायर पैनल एवं अग्निशमन उपकरण (फायर एक्सटिंग्युशर) काम ही नहीं कर सके। अग्निशमन विभाग ने फायर एनओसी (नन आब्जेक्यशन सर्टिफिकेट) के लिए संस्थान को नोटिस दिया था। फिर भी गंभीरता नहीं दिखाई, यही लापरवाही घटना के समय भारी पड़ गई।

लक्ष्मीपत सिंहानिया हृदय रोग संस्थान में कहने के लिए आग से निपटने के पूरे इंतजाम किए गए हैं। लेकिन वास्तविकता में ऐसा कुछ भी नहीं है। सूत्रों का कहना है कि संस्थान के अधिकारी इसकी कभी जांच-पड़ताल तक नहीं करते हैं। यहां लगी पाइप लाइन जंक जा रही है।

हाइड्रेंट केवल दिखावे के लिए हैं। यहां वाटर लाइन, हाइडेंट और फायर कंट्रोल पैनल, स्मोक डिटेक्टर एवं फायर एक्सटिंग्युशर लगे हैं। संस्थान में जगह-जगह लगे फायर एक्सटिंग्युशर एक्सपायरी डेट के हैं। मुख्य अग्निशनम अधिकारी सुरेंद्र चौबे ने बताया कि संस्थान में आग बुझाने के लिए लगा फायर पैनल काम नहीं कर सका। हाईडेंट और पाइप लाइन भी खराब पड़ी है। यहां लगे ज्यादातर फायर एक्सटिंग्युशर भी एक्सपायरी डेट के थे। इसलिए कुछ ही काम कर सके। संस्थान को फायर की एनओसी के लिए पूर्व में नोटिस दिया था। इसके बावजूद लापरवाही बरती गई।

संस्थान के निदेशक को दी जाएगी नोटिस

गणेश शंकर विद्यार्थी मेमोरियल मेडिकल कालेज के प्राचार्य प्रो. आरबी कमल ने कहा कि हृदय रोग संस्थान में फायर सेफ्टी सिस्टम फेल होना गंभीर बात है। अगर अग्निशमन विभाग ने फायर एनओसी के लिए नोटिस दिया था, तो उस पर गंभीरता बरती चाहिए थी। संस्थान के निदेशक से नोटिस को लेकर जवाब तलब करेंगे।

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