पीलीभीत। उत्तर प्रदेश में पीलीभीत के तत्कालीन और मथुरा डीएम पुलकित खरे (Pulkit Khare) के फर्जी साइन किए गए हैं। इसके तहत पीलीभीत डूडा विभाग ने बरेली की नया सवेरा नाम की संस्था को कौशल प्रशिक्षण का काम दे दिया गया। यह काम राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत दिया गया था।
इस मामले में कौशल मिशन प्रबंधक एवं सामुदायिक आयोजक पर डूडा परियोजना अधिकारी ने थाना कोतवाली में मुकदमा दर्ज करा दिया गया है। इसके साथ ही फर्म का भुगतान भी रोक दिया गया है। पीलीभीत (डूडा) नगरीय विकास परियोजना अधिकारी जया की तरफ से कोतवाली में एक मुकदमा दर्ज कराया गया है।
इसमें कहा गया कि कौशल प्रशिक्षण एवं सेवा योजना के माध्यम से प्रशिक्षण दिलाने के लिए वर्ष 2021-22 में बरेली की संस्था नया सवेरा को प्रशिक्षण प्रदान कराया गया था। इसके लिए 27 नवंबर 2021 को तत्कालीन डीएम पुलकित खरे के साइन पर काम दिया गया था। वह इस समय मथुरा के जिला अधिकारी हैं।
डीएम पुलकित (DM Pulkit Khare) ने की फर्जी साइन की पुष्टि
संदेह होने पर एडीएम वित्त एवं राजस्व राम सिंह गौतम ने डूडा विभाग से तत्कालीन डीएम पुलकित खरे (Pulkit Khare) के साइन की पुष्टि मांगी। इस पर तत्कालीन मथुरा के डीएम पुलकित खरे की तरफ से 16 अक्टूबर 2022 को जानकारी दी गई। उन्होंने कहा कि साइन मेरे नहीं हैं।
जांच की प्रक्रिया में डूडा कैंप कार्यालय पर शहर में मिशन प्रबंधक मोहम्मद मोहसिन और सामुदायिक आयोजक अंशुल पर निजी लाभ लेकर फर्जी साइन किया जाना पाया गया। वर्तमान में मथुरा में तैनात डीएम पुलकित खरे की पुष्टि के बाद मामले में डूडा की परियोजना अधिकारी जया ने शहर कोतवाली में मो। मोहसिन और अंशुल दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है। इसके बाद से यह दोनों फरार हैं।
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मामले में पीलीभीत के जिला अधिकारी प्रवीण कुमार ने बताया, “डूडा विभाग की कौशल विकास योजना के अंतर्गत प्रशिक्षण दिया था। इसमें एक संस्था को काम दिया गया था। पत्रावली में यह पाया गया कि इसमें जो मौजूदा जिलाधिकारी थे, वे फर्जी हैं। इस फर्जी साइन के आधार पर संस्था को काम दिया गया था। इस मामले में डूडा विभाग के दो कर्मचारियों खिलाफ कार्रवाई की गई है। फर्म का भुगतान भी रोक दिया गया है।”