कानपुर। बिकरू गांव (Bikru Case) में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या करने वाले विकास दुबे गैंग (Vikas Dubey Gang) के आरोपियों में एक आरोपी को जमानत मिल गई है। 2 जुलाई 2020 की रात को कानपुर के बिकरु गांव में विकास दुबे ने अपने गैंग के साथ आठ पुलिसकर्मियों की हत्या की थी। उसके बाद पुलिस एनकाउंटर्स में विकास दुबे समेत छह आरोपी मारे गए थे, बाकी फरार हो गए थे।
इसके बाद मुंबई में विकास दुबे के साथ घटना में शामिल उसके सहयोगी गुड्डन और उसके ड्राइवर सुशील को मुंबई पुलिस ने वहां गिरफ्तार किया था। मुंबई के एंटी टेरेरिस्ट यूनिट ने इनको जुहू से गिरफ्तार किया था। इसके बाद उन्हें कानपुर लाया गया था। इन आरोपियों ने अपने वकील सुरेंद्र सिंह के माध्यम से हाई कोर्ट के वकील एलएन सिंह के द्वारा हाई कोर्ट में जमानत की अर्जी लगाई थी।
हाई कोर्ट ने गुड्डन को तो जमानत नहीं दी लेकिन उसके ड्राइवर सुशील तिवारी को कुछ शर्तों के साथ जमानत दे दी है। अदालत ने सुशील तिवारी के सामने शर्त रखी है कि वह सबूतों से छेड़छाड़ नहीं करेगा, किसी को धमकी नहीं होगी और पुलिस की जांच में पूरा सहयोग करेगा। बिकरू कांड में गिरफ्तार आरोपियों में से किसी आरोपी की पहली जमानत है।
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अब अन्य आरोपियों की जमानत का भी रास्ता खुल सकता है। बिकरू कांड में ही खुशी दुबे समेत 4 महिलाएं भी जेल में है। विधानसभा चुनाव में भी खुशी की जमानत को लेकर सपा, बसपा और कांग्रेस ने मोर्चा खोला था। कांग्रेस ने खुशी की बहन को चुनाव भी लड़ाया था। अब देखना होगा कि इस जमानत के बाद खुशी दुबे को जमानत मिलती है या नहीं।