दुनियाभर की कई नदियों के तट पर पर्यटन को बढ़ावा देते हुए फ्लोटिंग रेस्टोरेंट (Floating Restaurant) चल रहे हैं। इसी तरह भारत के अलग-अलग राज्य भी इस दिशा में अपने कदम बढ़ा रहे हैं। दक्षिण भारत के राज्यों समेत पटना में भी ऐसे रेस्टोरेंट चल रहे हैं। इस कड़ी में अब उत्तर प्रदेश का नाम भी जुड़ने जा रहा है।
विश्व के कई बड़े शहरों में नदियों के तटीय विकास से प्रेरणा लेते हुए प्रयागराज में पर्यटन को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसी दृष्टि से यमुना नदी के तट पर उत्तर प्रदेश के पहले फ्लोटिंग रेस्टोरेंट (Floating Restaurant) को बनाने पर सहमति मिल गई है। मंडलायुक्त विजय विश्वास पंत की अध्यक्षता में त्रिवेणी सभागार में पर्यटन विभाग की बैठक में ये सहमति मिल गई है।
लगभग 5 करोड़ की लागत से तैयार होने वाला यह फ्लोटिंग रेस्टोरेंट स्मार्ट सिटी द्वारा फंड किया जा रहा है और इसे क्रियान्वित करने की जिम्मेदारी टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से उत्तर प्रदेश स्टेट टूरिज्म एंड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (यूपीएसटीडीसी) को दी गई है।
यह रेस्टोरेंट साल में 9 महीने पर्यटकों को आकर्षित करेगा और बाढ़ के 3 महीनों में इसे किसी सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसे बनाने से पहले एनजीटी एवं अन्य संबंधित विभागों से पूर्णता: एनओसी ली जाएगी और इसे इस वर्ष के बाढ़ के समय से पहले पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
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रेस्टोरेंट के अतिरिक्त इस बजट के अंतर्गत बोट शेड, फ्लोटिंग रेस्टोरेंट (Floating Restaurant) को वाटर फ्रंट से जोड़ने के दृष्टिगत एक स्लिप वे, नदियों में पार्टी एवं अधिक लोगों को एक साथ बोटिंग करने के दृष्टिगत दो कैटामारन (विशेष प्रकार की बड़ी बोट्स जिन पर 40 से अधिक व्यक्तियों को ले जाया जा सकता है), आपातकालीन स्थितियों में लोगों को रेस्क्यू कराने के लिए दो स्पीड बोट, पर्याप्त मात्रा में लाइफ जैकेट तथा लाइफ गार्ड्स के भी इंतजाम किए जा रहे हैं।