उत्तराखंड के नए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रिटायर्ड) गुरमीत सिंह ने बुधवार को शपथ लेने बाद कहा कि पहले देश अब वीर भूमि की सिपाहियों, संतों और विद्वानों की भूमि पर सेवा करूंगा। यहां के बच्चों को सेना के लिए प्रेरित कर नया अध्याय लिखा जाएगा।
राज्यपाल ने मीडिया से अनौपचारिक बातचीत में अपनी प्राथमिकता बताई। उन्होंने कहा कि,’प्रदेश की महिलाएं स्वावलम्बी और बाहदुर हैं, ऐसे में यहां की बेटियों को सैनिक स्कूलों, एन.डी.ए के लिए प्रेरित कर राज्य में महिला सशक्तिकरण का नया अध्याय लिखा जाएगा।
राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि तभी बुलाती है जब आपके सिर पर ईश्वर का आशीर्वाद हो और सृष्टि का वरदान हो। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के प्रति बहुत सम्मान है। गुरु गोविंद सिंह का स्वरूप सैनिक,संत और विद्वान का था। उत्तराखंड सैनिकों, संतों और विद्वानों की भूमि है। यहां सैनिक भी हैं,संत भी हैं और विद्वान भी हैं। ऐसी सैन्य और देवभूमि में सेवा का अवसर मिलना सौभाग्य की बात है। बड़ी संख्या में पूर्व सैनिक, सैनिकों के बुजुर्ग माता-पिता और परिवार भी उत्तराखण्ड में हैं। उनकी स्वास्थ्य, पेंशन सम्बधी समस्याओं का निस्तारण, पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना से संबंधित सुविधाएं उनकी प्राथमिकता है।
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राज्यपाल ने कहा कि देवभूमि उत्तराखण्ड में यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ चारधाम हैं। गंगा और यमुना का मायका है। इसके अलावा नानकमत्ता साहिब, रीठा साहिब, हेमकुंड साहिब जैसे अनेक प्रसिद्ध तीर्थ स्थल हैं। यह पवित्र भूमि है। इस पवित्र भूमि की सेवा करना सौभाग्य की बात है।
उन्होंने राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड का राज्यपाल बनने का मौका दिया। राज्य प्रकृति का खजाना है। इसका सौंदर्य आलौकिक है। उत्तराखण्ड में पर्यटन, पर्यटन आधारित बिजनेस, जैविक कृषि, योग-आयुर्वेद, खाद्य प्रौसेसिंग पर आधारित लघु उद्योगों को बढ़ावा देकर पहाड़ों में रोजगार और उद्यमिता के अपार अवसर सृजित किये जा सकते हैं। वर्तमान सरकार इस दिशा में अच्छा प्रयास कर रही है, आगे भी इसके लिए हर संभव सहयोग करेगी।
राज्यपाल ने कहा कि समय तेजी से परिवर्तित हो रहा है। यह टेक्नोलोजी का युग है। राज्य दो अंतरराष्ट्रीय सीमाओं से लगा है। इसलिए कनेक्टिविटी, पुल, सड़कों, टनल का सम्पर्क भी महत्वपूर्ण है। समय के अनुसार विकास और तरक्की की नई इबारत लिखनी है।
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उन्होंने उत्तराखण्ड के वीर सपूत प्रथम परमवीर चक्र विजेता मेजर सोमनाथ शर्मा और परमवीर चक्र विजेता लेफ्टिनेंट कर्नल धन सिंह थापा के साहस, शौर्य और पराक्रम पर श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने उत्तराखण्ड से राष्ट्र सुरक्षा के लिए सम्मानित 23 महावीर चक्र, 147 वीर चक्र, 6 अशोक चक्र, 19 कीर्ति चक्र प्राप्त करने वाले वीर योद्धाओं को नमन किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राजभवन में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) गुरमीत सिंह के शपथ ग्रहण समारोह में प्रतिभाग के बाद शिष्टाचार भेंट कर शुभकामनाएं दी। इस मौके पर राज्यपाल को मंत्रियों और विधायकों के साथ गणमान्य लोगों ने भेंट कर शुभकामनाएं दीं।
राज्य के आठवें और सैन्य पृष्ठभूमि वाले पहले राज्यपाल गुरमीत सिंह उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से बाखूबी वाकिफ हैं। उन्होंने भारतीय सैन्य अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया। सेना में सेवा के दौरान वह चंपावत के बनबसा में तैनात रहे। वह कहते हैं, 1996 से 1999 तक में मैं बनबसा में रहा। यानी राज्य के पर्वतीय परिवेश की भी उन्हें जानकारी है।